AUSPICIOUS TIME TO WORSHIP ON GANESH CHATURTHI

कोरोना त्रासदी में खुद ही कर लें गणेशजी की स्‍थापना, पढ़ें गणेश जी की आरती और कथा

गणेश चतुर्थी आज देशभर में मनाई जा रही है। इस बार गणेश चतुर्थी को लेकर कुछ दिशा निद्रेश जारी किए गए हैं। जैसे:-
घर पर खुद ही गणेश जी की स्थापना करें।
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए किसी भी सामूहिक कार्यक्रम में भाग न लें।

आपको बता दें कि गणेश जी की स्थापना वाली जगह पवित्र होनी चाहिए। लाल कपड़ा बिछाकर वहां गणपति की मूर्ति रखी जाती है। कुछ लोग सोने चांदी की गणपति भी स्थापित करते हैं। ऐसे में वो एक सुपारी को भी गणपति रूप मान साथ में रखते हैं और विसर्जन के दिन सुपारी को विर्सजित कर देते हैं। गणपति को प्रसाद में मोदक, मोतीचूर के लड्डू, श्रीखंड, और दूसरे मिष्ठानों का भग लगा सकते हैं। जितने दिन गणपति को घर में रखें उतने दिन उनकी सुबह शाम आरती और चालीसा का पाठ कर मंत्र जरूर पढ़ने चाहिए। इसके अलावा रोज उन्हें सुबह शाम भोग लगाना भी आवश्यक है। इसके बाद चतुर्दशी के दिन उनकों विसर्जित किया जाता है। आपको बताते हैं कैसे करें घर में खुद ही गणपति की स्थापना:

Ganesh chaturthi 2020: Ganesh ji Sthapana Vidhi
गणपति को घर में स्थापित करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें। इसके बाद गंगाजल छिड़कें। इसके बाद रंगोली बनाकर साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर अक्षत रखें और गणपति को स्थापित करें। इस समय रौली से सतिए के प्रतीक भी बनाएं। अब गणपति को दूर्वा या पान के पत्ते की सहायता से गंगाजल से स्नान कराएं। उन्हें पीले वस्त्र गणपति पहनाएं। इसके बाद रोली से तिलक कर अक्षत लगाएं, दुर्वा और फूल चढ़ाएं और मिष्ठान का भोग लगाएं।
जल से भरा हुआ कलश गणेश जी के बाएं रखें। इसके नीचे चावल या गेहूं रखें । इस कलश पर मौली और सुपारी से बंधा हुआ नारियल रखें। घी का दीपक जलाएं और शिवपरिवार की भी पूजा करें। आरती करें और मंत्रों का उच्चारण करें। इसके बाद क्षमा याचना करें।

Ganesh chaturthi 2020: Ganesh ji aarti

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

Ganesh chaturthi 2020: Ganesh chaturthi Katha
कथानुसार एक बार मां पार्वती स्नान करने से पूर्व अपनी मैल से एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसका नाम गणेश रखा। फिर उसे अपना द्वारपाल बना कर दरवाजे पर पहरा देने का आदेश देकर स्नान करने चली गई। थोड़ी देर बाद भगवान शिव आए और द्वार के अन्दर प्रवेश करना चाहा तो गणेश ने उन्हें अन्दर जाने से रोक दिया। इसपर भगवान शिव क्रोधित हो गए और अपने त्रिशूल से गणेश के सिर को काट दिया और द्वार के अन्दर चले गए। जब मां पार्वती ने पुत्र गणेश जी का कटा हुआ सिर देखा तो अत्यंत क्रोधित हो गई। तब ब्रह्मा, विष्णु सहित सभी देवताओं ने उनकी स्तुति कर उनको शांत किया और भोलेनाथ से बालक गणेश को जिंदा करने का अनुरोध किया। महामृत्युंजय रुद्र उनके अनुरोध को स्वीकारते हुए एक गज के कटे हुए मस्तक को श्री गणेश के धड़ से जोड़ कर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया।

Ganesh chaturthi 2020: Shubh Muhurat
पूजा का शुभ मुहर्त पूर्वाह्न 11 बजकर सात मिनट से दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक
दूसरा शाम चार बजकर 23 मिनट से सात बजकर 22 मिनट तक
रात में नौ बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक है।

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