तबरेज की मौत पर हाहाकार, सुभान की मौत पर चुप्पी…ऐसा क्यों?

झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास ने शुक्रवार को सुभान अंसारी की मौत को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कम्युनिस्ट पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि 2019 में तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, CPM और CPI समेत अन्य सामाजिक व राजनैतिक संगठन सुभान अंसारी की मौत पर मौन क्यों हैं। बता दें कि सुभान को बकरी चोरी के आरोप में बीते 11 मई को दुमका में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था।

रघुवर दास ने कहा कि इस घटना को चार दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक मॉब लिचिंग के शिकार सुभान अंसारी के लिए न तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आंसू बहाने का समय मिला और न ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी को कुछ कहने या ट्वीट करने का मन हुआ।

झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास ने कहा कि राहुल गांधी ने 17 जून, 2019 को सरायकेला में तबरेज अंसारी पर हुए हमले पर मोटे-मोटे आंसू बहाये थे। 22 जून को तबरेज की मौत के बाद इसे मानवता पर धब्बा बताया था और आरोप लगाया कि इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार की कथित चुप्पी हैरान करने वाली है। इतना ही नहीं राज्यसभा में अपने भाषण में कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने सरायकेला की घटना के बाद पूरे झारखंड को मॉब लिचिंग का अड्डा बता दिया था। मगर, सुभान अंसारी के मामले में अब तक गुलाम नबी आजाद ने भी अपनी जुबान नहीं खोली है। उन्होंने कहा कि तबरेज की हत्या के दौरान सीबीएम और सीबीआई समेत कई राजनैतिक पार्टियों ने अपने प्रतिनिधि सरायकेला भेज दिए थे। इतना ही नही वर्तमान सरकार में कांग्रेसी मंत्री ने घर जाकर आर्थिक सहायता भी दी थी, लेकिन आज सभी चुप है।

पूर्व CM रघुवर दास ने यह भी आरोप लगाया कि, कांग्रेस ने तबरेज मामले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाकर देश को बदनाम करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। अब जब दुमका में ऐसी घटना घटी है तो दोहरा व्यवहार सिर्फ इसलिए किया जा रहा है। क्योंकि उस समय भाजपा की सरकार थी और आज यहां JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद एवं बामपंथियों की अवसरवादी सरकार शासन में है। दास ने कहा कि भीड़ के हाथों किसी की भी मौत गैर-कानूनी और निंदनीय होती है, चाहे वह तबरेज की मौत हो या सुभान अंसारी की हत्या हो। इसलिए अंसारी के मामले की जांच के लिए SIT का गठन करना चाहिए और उसकी पत्नी खैरून बीबी एवं पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए।

रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी दावा करती थी कि उनके सरकार में मॉब-लिचिंग नहीं होगी। हेमंत सोरेन की सरकार में किसी की भी भूख से मौत नहीं होगी। लेकिन अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जनपद दुमका में हुई मॉब-लिचिंग पर आखिर उनके पार्टी के नेताओं के होठ क्यों सिले हुए हैं। उन्होंने पूछा कि रामगढ़ के गोला में संग्रामपुर गांव में 3 अप्रैल को 17 वर्षीय दलित महिला उपासो देवी की भूख से हुई मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है? उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को दबाने से काम नहीं चलेगा और सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। जनता को बताना होगा कि चुनाव में किए गए वादों का क्या हुआ? जब वह चीख-चीख कर कहा करते थे उनके राज्य में कभी मॉब-लिचिंग नहीं होगी और भूख से किसी गरीब की मौत नहीं होगी।

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