देश की निजी क्षेत्र की पहली मेट्रो सेवा आर्थिक संकट के कारण अपनी सेवा आगे जारी रखने में सक्षम नहीं हो पा रही है। वित्तीय संकट से जूझ रही गुरुग्राम मे चलने इस मेट्रो सेवा को चलाने वाली कंपनी आइएल एंड एफएस इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी ने हरियाणा सरकार को लिखा है कि कंपनी नौ सितंबर सेवा को आगे नहीं जारी रख सकती है। उन्होंने कहा कि रैपिड मेट्रो के अधिग्रहण के लिए हमने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है और सरकार के जवाब की प्रतिक्षा कर रहे हैं। गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) के सीईओ वी. उमाशंकर ने कहा कि यह मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में लंबित है। जब तक एनसीएलटी कोई फैसला नहीं करता है तब तक जीएमडीए के पास मेट्रो को लेने की कोई गुंजाइश नहीं है।
गुरुग्राम में रैपिड मेट्रो रेल सेवा दो चरणों में संचालित होती है। पहले चरण में कंपनी ने 5.1 किलोमीटर का ट्रैक बनाया था, जो शंकर चौक से सिकंदरपुर डीएमआरसी स्टेशन तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 को जोड़ते हुए छह स्टेशनों को कवर करता है। 1,450 करोड़ रुपये की लागत से तीन वर्षों में निर्मित यह सेवा नवंबर 2013 में जनता के लिए खोली गई थी। रैपिड मेट्रो से सबसे अधिक यात्री गुरुग्राम कॉरपोरेट कंपनियों में काम करने वाले करते हैं।
पूरी मेट्रो प्रणाली में स्टैण्डर्ड गेज ट्रैक का इस्तेमाल हुआ है और पूरी तरह से एलिवेटेड है। रैपिड मेट्रो गुड़गांव के वाणिज्यिक क्षेत्रों को जोड़ता है। साथ ही दिल्ली मेट्रो के लिए फीडर लिंक के रूप में कार्य करता है। रैपिड मेट्रो गुड़गांव लिमिटेड (आरएमजीएल) द्वारा निर्मित और संचालित यह मेट्रो प्रणाली दुनिया की पहली ऐसी प्रणाली है, जो पूरी तरह से निजी स्त्रोतों द्वारा वित्तपोषित है। इस उद्यम में केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार या किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से कोई निवेश नहीं है। रैपिड मेट्रो सेवाएं रोजाना छह बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक चलती है।