सरकार और किसान नेताओं के बीच गुरुवार को विज्ञान भवन में वार्ता हुआ. ये वार्ता तकरीबन साढ़े पांच घंटे चले। वार्ता की शुरुआत दोपहर 12 बजे से हुई। हालांकि सरकार और किसानों के बीच बातचीत बेनतीजा रही लेकिन इस दौरान किसान नेताओं और सरकार के बीच इस बात पर सहमति बनी की किन मसलों पर आगे वार्ता होगी। किसानों का आंदोलन फिलहाल जारी रहेगा।
गुरुवार को विज्ञान भवन में लंबी वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके नियमों में कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।
नए कृषि कानून में विशेष तौर पर छोटे किसानों को डर है कि उनकी जमीन छिन जाएगी। इस पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार इस मसले पर किसानों से बात करेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि बिल में कानूनी संरक्षण का प्रावधान है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसी भी विवाद को हल करने के लिए नए कृषि बिल में SDM कोर्ट का प्रावधान किया गया है, लेकिन किसान इन मामलों को जिला अदालतों में ले जाना चाहते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार इस मसले पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार बिजली संसोधन बिल और पराली जलाने संबंधी कानून पर भी किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है। इस बीच जानकारी मिली है कि किसान संगठन इस प्रावधान पर शुक्रवार यानी 4 दिसंबर की सुबह ग्यारह बजे बैठक करेंगे।
सरकार के साथ विज्ञान भवन में वार्ता के लिए गए किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी संकेत दिया है। हमें ऐसा लग रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले पर सरकार का रूख सकारात्मक रहेगा। वार्ता में काफी प्रगति हुई है।
राकेश टिकैत ने कहा कि मुद्दा केवल कानून वापस लेने का नहीं है बल्कि कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। किसान चाहते हैं कि तीनों नया कृषि बिल वापस लिया जाए लेकिन सरकार चाहती है कि MSP और अधिनियमों में संसोधन के बारे में बात हो। इस बीच आंदोलन जारी रहेगा।