वाहन मालिक अब सावधान हो जाएं। सड़क पर कोई भी गाड़ी जहरीला कच्चा धुआं उगलता दिखाई दिया, तो उसके मालिकों को 3 महीने जेल की हवा खानी पड़ सकती है। इतना ही नहीं, उन्हें भारी जुर्माने का भुगतान भी करना पड़ सकता है। खबर है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पूरे देश में सभी प्रकार के वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्रणाली लागू करने की तैयारी में जुट गया है।
मंत्रालय की ओर से यह प्रणाली लागू कर दिए जाने के बाद सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के साथ ही QR कोड भी दिया जाएगा, जिसमें वाहनों के बारे में सभी जरूरी जानकारियां उपलब्ध होंगी। मीडिया की खबरों के अनुसार मंत्रालय ने इस संबंध में प्रस्ताव सरकार को सौंप दिया है और इस पर आपत्ति और सूचनाएं भी आमंत्रित की गई हैं।
यातायात नियमों में किए गए प्रस्तावित सुधार के अनुसार, यदि यातायात विभाग के कर्मचारी को कोई वाहन प्रदूषण करता दिखाई दिया, तो वह उसे प्रदूषण परीक्षण केंद्र में ले जा सकता है। वाहन मालिकों के लिए इसमें लिखित प्रावधान किया गया है। वाहन चालक या फिर वाहन मालिक के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं होगा या फिर वह फेल हो गया होगा, उसे कठोर कारावास की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित नए नियम के अनुसार, वाहन मालिकों के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं होने पर 3 महीने की जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही, उसे 10,000 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सजा के 3 महीनों के लिए वाहन मालिकों का लाइसेंस जब्त भी किया जा सकता है।
दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले ही केंद्रीय वाहन नियमावली में बदलाव करने का प्रस्ताव पेश कर रखा है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र मिलने के पहले ही रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस मिलने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही, वाहन चोरी को रोकने में भी यह नया नियम कारगर साबित हो सकता है। इसके बाद देश भर में एक जैसे दिखने वाले प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र की जानकारी नेशनल रजिस्टर में दर्ज की जाएगी।