Corona जंग से लड़ने के लिए बुनियादी ढांचे और संसाधनों का विस्तार जरूरी- CWC

कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आज यानि गुरुवार को हुई। इस बैठक में Coronavirus (कोविड-19) संकट के कारण पैदा हुए हालात पर चर्चा हुई। Luckdown और सामाजिक दूरी से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्य वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम आज एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य और मानवीय संकट के बीच मिले हैं। हमारे सामने Corona जैसी भयावह चुनौती है। लेकिन इसे दूर करने का हमारा संकल्प दृढ होना चाहिए। सोनिया ने कहा कि Corona से लड़ने के लिए स्थिर और विश्वसनीय जांच का कोई विकल्प नहीं है, हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों को हरसंभव सहयोग की जरूरत है, और हमे इनके कार्य की सराहना करते हुए धन्यवाद देना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस Luckdown के कारण बने हालात से निपटने के लिए सरकार को एक विस्तृत रणनीति बनाना चाहिए थी।

बैठक में कहा गया कि देश व सरकार के सामने प्राथमिकताओं का क्रम बिल्कुल स्पष्ट है। Coronavirus को फैलने से रोकने के लिए व्यापक व प्रभावी टेस्टिंग, संक्रमित व्यक्तियों का मेडिकल इलाज एवं महामारी से लड़ने के लिए क्षमता, बुनियादी ढांचे तथा मानव संसाधनों का विस्तार बहुत जरूरी है। और गरीब लोगों खासकर दैनिक मजदूरों, प्रवासी, अस्थाई कर्मियों, मजदूरों, किसानों और खेती करने वालों किसानों मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का इंतजाम सरकार को करना चाहिए। वस्तुओं की पूर्ति की व्यवस्था तथा कालाबाजारी पर रोक लगानी चाहिए, ताकि अपने घरों में लोग अपना दैनिक जरूरतों का सामान पा सके।

बैठक में अध्यक्ष ने कहा कि सरकार गरीबों को आजीविका का पर्याप्त सहयोग देने में विफल हो गई है। 25 मार्च, 2020 को घोषित किया गया फाईनेंशल एक्शन प्लान 1 बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं था। इसमें समाज के अनेक कमजोर वर्गों को शामिल करने से छोड़ दिया गया। फाईनेंशन एक्शन प्लान 1 से न ही गरीबों को आत्मविश्वास मिल पाया, और लाखों प्रवासी मजदूर साधन, भोजन, आश्रय व स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र के अभाव में परिवार सहित सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांवों की ओर जाने को मजबूर हो गए। लाखों मजदूरों द्वारा अनचाहे पलायन का यह पीड़ादायक मंजर मोदी सरकार पर सदैव एक काला धब्बा रहेगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी मांग करती है, कि सरकार तत्काल फाईनेंशन एक्शन प्लान- पार्ट 2 की घोषणा करे, जिसमें फाईनेंशल एक्शन प्लान-1 में छूट गए किसानों, पट्टे पर जमीन काश्त करने वाले किसानों, भूमिहीन खेती मजदूरों, मनरेगा मजदूरों, औद्योगिक कामगारों, सभी जन धन खाताधारकों (पुरुष या महिला का भेदभाव किए बिना) को पर्याप्त वित्तीय सहयोग मिल सके।

कांग्रेस अध्यक्षा ने हर जन-धन खाते में, PM किसान योजना खाते में 7500 रु. ट्रांसफर करने का महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। सरकार को इसे लागू करना चाहिए। इसी प्रकार से 21 दिन के Luckdown पीरियड में हर व्यक्ति को राशन वितरण प्रणाली के माध्यम से 10 किलो मुफ्त अनाज व अन्य मदद मुहैया करवाई जाए। सरकार का प्रथम कर्तव्य है कि वह गरीबों के लिए आश्रय, किराये, मुआवजे एवं खाने पीने की सुविधा सुनिश्चित करे। कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई ‘न्याय योजना’ एक उपयोगी मॉडल प्रस्तुत करती है। जिसे अपनाकर लागू किया जा सकता है।

गेहूं व अन्य रबी फसलें कटाई के लिए तैयार हैं, परंतु इस बारे संपूर्ण तैयारी का सख्त अभाव है। अगर किसान अपनी फसल नहीं काट पाएगा और उसे सही मूल्य नहीं मिलेगा, तो फिर देश की खाद्यान्न सुरक्षा ही खतरे में पड़ जाएगी। केंद्र सरकार फूड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया के माध्यम से फसल कटाई व खरीद का फौरन व्यापक इंतजाम करे। यह सुनिश्चित हो कि किसान को अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर न होना पड़े तथा उसे सही समय पर सही मूल्य मिल पाए। करोड़ों लोगों, खासकर छोटे शहरों, कस्बों व गांवों में रहने वालों की ‘सप्लाई चेन’ बगैर तैयारी एवं बिना किसी योजना के दिए गए आदेशों व नोटिफिकेशंस के चलते टूट गई है।

लोगों को Luckdown की अवधि में जीवनयापन के लिए खान-पान व रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं की यह सप्लाई चेन तत्काल पुर्नस्थापित किए जाने और Luckdown की पूरी अवधि में इन्हें सुचारु रूप से चलाए जाने की आवश्यकता है। लोगों को राहत देने के लिए कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार को अनेकों प्रयासों का सुझाव देती है। इनमें तीन माह की अवधि के लिए रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर GST दरों को कम करना, टैक्स भुगतान व EMI भुगतान की तिथि को 30 जून, 2020 तक आगे बढ़ाना, PPF एवं बचत खाते आदि पर ब्याज दर में बिना विचारे की गई कटौती को खत्म करना शामिल हैं। इनमें से हर प्रयास छोटा अवश्य है, लेकिन इससे लोगों को इस मुश्किल व तनावपूर्ण समय में काफी राहत मिलेगी।

Corona लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ प्रांतीय सरकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। परंतु अधिकतर प्रांतीय सरकारों के पास संसाधनों का अभाव है। क्योंकि केंद्र सरकार ने GST में प्रांतीय सरकारों के हिस्से की राशि जारी नहीं की। बगैर देरी GST में प्रांतीय सरकारों की हिस्सेदारी की इस राशि को जारी करना चाहिए।

CWC की राय है कि सरकार ने बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बारे में कोई विचार नहीं किया। यह स्थिति किसी भी देरी को स्वीकार नहीं कर सकती। अनेक उपयोगी विचार टेबल पर सामने पड़े हैं। CWC की मांग है। केंद्र सरकार को विश्व के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों को लेकर तत्काल एक इकॉनॉमिक टास्क फोर्स का गठन करना चाहिए, जो अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए तीन कार्ययोजनाएं दे: (1) एक हफ्ते का इमरजेंसी प्लान; (2) एक माह का शॉर्ट एवं मीडियम टर्म प्लान; और (3) तीन माह का मीडियम एवं लाँग टर्म प्लान।

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