डॉक्टरों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं…

डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों पर हमला करने वालों पर हमला करने वालों को 7-7 की जेल होगी। डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों पर हमले के खिलाफ मोदी सरकार को अध्यादेश लेकर आयी वो अब लागू हो गया है। राष्ट्रपति Ramnath Kovind ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अध्यादेश लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो गई है।

इस अध्यादेश के लागू होने के बाद Doctors और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने पर अधिकतम सात साल की जेल हो सकती हो सकती है। इसके साथ ही भारी जुर्माना का भी सामना करना पड़ेगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इन हमलों के ख़िलाफ़ विरोध भी जताया था।

इस कड़े कानून को तुरन्त अमल में लाने के लिए बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने एक अध्यादेश को मंज़ूरी दी। राष्ट्रपति Ramnath Kovind की मंज़ूरी मिलने के साथ ही क़ानून अमल में आ जाएगा। अध्यादेश के ज़रिए महामारी क़ानून 1897 में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। प्रस्तावित क़ानून का सबसे अहम पहलू ये है कि इसमें डॉक्टरों को Corona के ख़िलाफ़ लड़ाई के चलते मकान मालिकों द्वारा घर छोड़ने जैसी घटनाओं को भी उत्पीड़न मानते हुए एक तरह की सज़ा का प्रावधान किया गया है।

कैबिनेट की बैठक के बाद फ़ैसले का ऐलान करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मेडिकल टीमों के ख़िलाफ़ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रस्तावित क़ानून में डॉक्टरों , नर्सों और पैरामेडिक स्टॉफ समेत अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला या उत्पीड़न को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में ग़ैर जमानती बना दिया गया है। ऐसे मामलों में मुक़दमा 1 महीने में शुरू करने और 1 साल के भीतर केस का फ़ैसला हो जाने का प्रावधान किया गया है। दोषी पाए जाने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान किया गया है। इसका आधार हमले और उत्पीड़न की गम्भीरता को बनाते हुए सज़ा को दो श्रेणी में बांटा गया है। अगर अपराध ज़्यादा गम्भीर नहीं है तो सज़ा के तौर पर 3 महीने से 5 साल तक की क़ैद हो सकती है।

साथ ही 50 हज़ार से 2 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। वहीं अगर गम्भीर हानि हुई तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक क़ैद की सज़ा के साथ साथ 1 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि Corona के ख़िलाफ़ लड़ाई में सरकार की तैयारी लगातार जारी है। इस क्रम में अबतक देश में कुल 723 Corona समर्पित अस्पताल बनाए जा चुके हैं। इनमें कुल 1.86 लाख बेडों की व्यवस्था हो गई है जिनमें 24 हज़ार बेड ICU बेड हैं। ICU बेडों में 12190 बेड वेंटिलेटर के साथ हैं।

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