चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. पांच राज्यों में सात चरणों में चुनाव होंगे. 10 मार्च को सभी पांचों राज्यों के नतीजे आएंगे. चुनाव की शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी. यहां 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा.
उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर सात चरणों में वोट डाले जाएंगे. 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा. वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा. उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी, 3 मार्च और फिर सात मार्च को वोट डाले जाएंगे.
24.9 लाख फर्स्ट टाइम वोटर्स
पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगा, जिसमें 18.34 करोड़ से अधिक लोग भागीदारी कर सकेंगे. इन 18.34 करोड़ मतदाताओं में से 8.55 करोड़ मतदाता महिला (women electors) हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि 24.9 लाख मतदाता पहली बार वोट (first-time electors) डालेंगे. चुनाव आयोग में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए 2,15,368 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है. लेकिन समय पर चुनाव करना हमारी जिम्मेदारी है. कोरोना नियमों के साथ चुनाव कराए जाएंगे. चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की गई है. चुनाव आयोग की इस घोषणा के साथ ही इन पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. जिन पांच राज्यों में आज चुनाव के कार्यक्रमों की घोषण की गई, उनमें पंजाब को छोड़कर शेष सभी राज्यों में भाजपा की सत्ता है. पंजाब में कांग्रेस का शासन है. उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो रहा है जबकि उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो रहा है.
कोरोना काल में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने खास तैयारी की है. मतदान केंद्रों पर कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर और मास्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मतदाता केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. कोई भी रैली या जनसभा, रोड शो, पद यात्रा या साइकिल या बाइक रैली या फिर नुक्कड़ सभाओं जैसे आयोजन 15 जनवरी तक नहीं कर सकेगा. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक कोरोना की स्थिति की समीक्षा के बाद इसके बारे में आगे का फैसला लिया जाएगा.