झारखंड के चुनावी समर में JMM, कांग्रेस और RJD के महागठबंधन को रुझानों में पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है। PM नरेंद्र मोदी की रैली और अमित शाह की चुनावी रणनीति के बाद भी भगवा पार्टी शिकस्त की ओर बढ़ रही है। झारखंड चुनाव परिणाम के बाद अब लोगों की नजरें पड़ोसी बिहार पर टिक गई हैं जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक झारखंड चुनाव परिणाम का बिहार में BJP के वोटों पर बहुत खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जीत से उत्साहित विपक्षी RJD और कांग्रेस अब आंखें दिखाना शुरू कर देंगे। झारखंड में BJP के हार की एक बड़ी वजह पार्टी के अंदर चल रहा आतंरिक कलह है।।
झारखंड से उलट बिहार में आरजेडी के पास कोई मजबूत साझेदार नहीं है। झारखंड में JMM के पास कांग्रेस जैसा मजबूत सहयोगी दल था। RJD ने भी महागठबंधन का समर्थन किया था। अगर बिहार की बात करें तो विपक्षी दलों ने RJD, कांग्रेस, RLSP, HAM और VIP के साथ मिलकर महागठबंधन जरूर बनाया है लेकिन लालू यादव की पार्टी को छोड़कर किसी के पास जनाधार नहीं है।
झारखंड चुनाव के परिणाम से RJD का मनोबल ऊंचा होगा जिसे पिछले लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। RJD अब झारखंड के चुनाव परिणाम को बिहार में भी दोहराने के लिए पूरा जोर लगाएगी। इसी तरह से बिहार में सत्तारूढ़ BJP और JDU में खींचतान बढ़ सकती है। नीतीश कुमार अब ज्यादा सीटों के लिए BJP पर और ज्यादा सीटों के लिए दबाव डाल सकते हैं जो CAA पर केंद्र सरकार को समर्थन देकर अपने मुस्लिम वोटरों की नाराजगी का सामना कर रहे हैं।