अयोग्यता नोटिस के खिलाफ बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा शिवसेना के 16 बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ मंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ सोमवार को शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. बागी विधायकों ने राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिससे सरकार गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है.

कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के विरोध में शिंदे और बागी विधायकों के राज्य छोड़ने के बाद महाराष्ट्र राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. बागी विधायक पिछले कुछ दिनों से असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. ठाकरे की टीम की अयोग्यता याचिका पर डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है.

शिंदे की याचिका में कहा गया है कि डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस संविधान के अनुच्छेद 14 और 19(1)(जी) का पूरी तरह से उल्लंघन है, साथ ही चौधरी को शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता देने में डिप्टी स्पीकर की अवैध और असंवैधानिक कार्रवाई है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता 25 जून के नोटिस / समन से व्यथित है जो पूरी तरह से अवैध, असंवैधानिक है और नबाम रेबिया और बामंग फेलिक्स वर्सेस डिप्टी स्पीकर, अरुणाचल प्रदेश विधान सभा (2016) के मामले में इस अदालत के फैसले की पूरी तरह से अवहेलना करता है.

इसमें कहा गया है, फरवरी 2021 में नाना पटोले के पद से इस्तीफा देने के बाद से अध्यक्ष की सीट खाली है. इस प्रकार, ऐसा कोई अधिकार नहीं है जो अयोग्यता याचिका पर फैसला कर सके जिसके तहत याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया गया है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली शिकायतों के मद्देनजर उन्हें समन जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है.

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