Diwali 2023: आज है दिवाली, इस शुभ मुहूर्त में करें माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना

Maa Laxmi Puja : अगर आप इस दिवाली पर मां लक्ष्मी को पसन्न करना चाहते हैं तो आप शुभ मुहूर्त में ही मां लक्ष्मी का पूजन करें. इससे आपका घर सुख, समृद्धि और धनधान्य से भरा रहेगा. और जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी. इसके अलावा मां लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा भी करें. इससे आपको सारे कष्ट दूर हो जाएंगे.

Diwali Puja Shubh Muhurat: दिवाली पर इस बार कई सालों बाद कार्तिक अमावस्या की तिथि पड़ रही है जो सबसे उत्तम मानी गई है, क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी और गणेश की पूजा-आराधना करके अपने इष्ट कार्य को सिद्ध किया जा सकता है. शक्ति आराधना के लिए भी यह अमावस्या सर्वोपरि मानी गई है. इस दिन भगवान राम असुरों का संहार करके अयोध्या लौटे थे ? जिनका दीपोत्सव करके स्वागत किया गया था. दिवाली का दिन लक्ष्मी के स्वागत का दिन है. हम चारों ओर प्रकाश फैलाकर सकारात्मकता के साथ महालक्ष्मी से समृद्धि और सम्पन्नता मांगते हैं. इसमें अंधेरे को दूर कर प्रकाश किया जाता है, इसी तरह हमें अपने अन्दर के विकारों के अन्धकार को मिटाकर अनुशासन, प्रेम, सत्य और सदाचार रूपी प्रकाश से स्वयं को प्रकाशित करना चाहिए.

अगर आप चाहते हैं कि मां लक्ष्मी आपसे जल्दी प्रसन्न हो तो आप शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें. इस बार दिवाली पर शुभमुहूर्त में विशेष पूजा होगी. बता दें कि सोमवार को भी अमावस्या रहेगी, लेकिन दीपावली का पर्व रविवार को ही मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य अंशू पारीक ने बताया कि 12 नवंबर की दोपहर 14.45 के बाद अमावस्या लग जाएगी. इस दिन तीन मुहूर्त में महालक्ष्मी पूजा होगी.

इन शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं पूजा

प्रदोष काल शाम 05.30 से शाम 07.10 तक इस समय लक्ष्मी पूजा गणेश पूजन सर्वोत्तम होगा. इसमें अमृत की चोगड़िया होगी. दूसरा मुहूर्त निशीथ काल का होगा, जो रात्रि आठ बजे से 11 बजे तक रहेगा. इसमें कनक धारा मंत्र का जाप लक्ष्मी की विशेष पूजा, उलूख पूजा होगी. आखरी मुहूर्त महा निशीथ काल का होगा जो को 11 बजे से मध्य रात्रि 2 बजे तक रहेगा. इसमें तंत्र की साधना विशेष फलदाई होगी.

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

दिवाली पूजा के स्थान की सफाई महत्वपूर्ण है. घर को अच्छी तरह से साफ कर गंगाजल छिड़कें. घरों को दीपलरी, मोमबत्ती से रोशन तथा रंगोली, फूलों की माला, केला व अशोक के पत्तों से तोरण द्वार बनाएं.

पूजा स्थल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं. बीच में कुछ दाने रखें. चांदी या कांसे के कलश में पानी रखें. कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें. कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें.

कलश के दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो तथा बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें. छोटी थाली पर चावल का छोटी सी चपटी आकृति बनाएं. उस पर हल्दी से कमल का फूल डिजाइन करें, कुछ पैसे डालें तथा मूर्ति के सामने रख दें.

अपनी अकाउंट बुक, धन व बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तु मूर्ति के सामने रखें. तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और मूर्तियों के सामने दीया जलाएं. अपनी हथेली में फूल रखें और आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें. फूल को गणेश और लक्ष्मी को भेंट करें.

लक्ष्मी की मूर्ति को जल स्नान के रूप में पंचामृत अर्पित करें. देवी को मिठाई, हल्दी, कुमकुम चढ़ाएं और माला पहनाएं. अगरबत्ती या धूप जलाएं. फिर नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं. घंटी बजाने के साथ मां लक्ष्मी की आरती करें.

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