एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने और उन्हें इस संक्रमित बीमारी के बारे में बताने के लिए 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। इनमें से केवल 62% लोगों को ही समय पर इलाज मिल पाता है। ऐसे में इस बार विश्व एड्स दिवस 2019 को मनाने का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
एचआईवी(HIV) एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। जिसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी के नाम से जाना जाता है। जबकि लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इस रोग में जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर अटैक करता है। जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने क्षमता खोने लगता है। खास बात है कि ये बीमारी तीन चरणों (प्राथमिक चरण, चिकित्सा विलंबता होना और एड्स) में होती है।
सबसे पहले इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO ) में एड्स जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के दो व्यक्तियों ने अगस्त 1987 में की थी।
एचआईवी के लक्षण
बुखार
पसीना आना
ठंड लगना
थकान
भूख कम लगना
वजन घटा
उल्टी आना
गले में खराश रहना
दस्त होना
खांसी होना
सांस लेने में समस्या
शरीर पर चकत्ते होना
जानिए कैसे होता है एड्स
असुरक्षित यौन संबंध बनाने से
संक्रमित खून चढ़ने से
HIV पॉजिटिव महिला से उसके होने वाले बच्चे को
इस्तेमाल की हुई संक्रमित सुई को दूसरी बार इस्तेमाल करने से
एड्स से बचाव
पीड़ित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित न करें।
खून को अच्छी तरह जांच करवाने के बाद ही उसे चढ़वाएं।
उपयोग की हुई सुई या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उनके एच।आई।वी। संक्रमित होने की संभावना हो सकती है।
दाढ़ी बनवाते समय नाई से हमेशा नया ब्लेड इस्तेमाल करने के लिए कहें।
एड्स के उपचार में एंटी रेट्रोवाईरल थेरपी दवाईयों का उपयोग किया जाता है। इन दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एच।आई।वी। के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और अवसरवादी रोगों को ठीक करना होता है।