दिल्ली एनसीआर (Delhi-NCR) में कैब का किराया 100 से 200 रुपये सस्ता हो सकता है। जनता को सुलभ साधन मुहैया कराने के उद्देश्य से 4 राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के बीच हुए सीआरटीए (रेसिप्रोकल ट्रांसपोर्ट एग्रीमेंट) के तहत एनसीआर क्षेत्र में कैब (NCR Cab) की सवारी 100 से 200 रुपये सस्ती होने की उम्मीद है।
दरअसल अभी एनसीआर (NCR) के राज्यों में आवाजाही करने के दौरान व्यावसायिक वाहनों (वैन व कैब) को 100 से 200 रुपये का टैक्स देना पड़ता है। इस कारण इस टैक्स को किराये में जोड़ दिया जाता है, जिससे लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ता है।
इतना ही नहीं अगर आप हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के एनसीआर (NCR) शहरों की एक साथ यात्रा करते हैं तो यह टैक्स और अधिक बढ़ जाता है। सीआरटीए (CRTA) के लागू होने से किराये में शामिल टैक्स से लोगों को आजादी मिल जाएगी और यात्री किराया सस्ता हो जाएगा।
उपसंभागीय परिवहन अधिकारी गौतमबुद्ध नगर सियाराम वर्मा ने बताया कि टैक्स नहीं होने से आवाजाही में सहूलियत होगी। यात्री वाहनों का किराया सस्ता होगा। इससे व्यावसायिक वाहन स्वामियों व यात्रियों को फायदा मिलेगा। जिले में प्रतिदिन करीब 10 हजार व्यावसायिक वाहन गौतमबुद्ध नगर से एनसीआर के विभिन्न राज्यों में आवाजाही करते हैं।
संभागीय परिवहन अधिकारी गाजियाबाद अरुण कुमार वाष्र्णेय ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों (कैब व वैन) की प्रति सीट के हिसाब से प्रतिदिन 30 रुपये का टैक्स देना पड़ता है। योजना लागू होने के बाद प्रतिदिन जनता को लाखों की बचत होगी। जेवर एयरपोर्ट सहित नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बढ़ने वाली व्यावसायिक व आवासीय क्षेत्र में भी सुगम साधन की व्यवस्था इस फैसले से होगी।
एनसीआर परमिट के नाम से दर्ज स्कूल बसों को भी टैक्स नहीं जमा करना होगा। इससे कई स्कूलों की बस का किराया भी कम होगा। अभी एनसीआर की स्कूल बसें दूसरे राज्यों में जाती हैं तो टैक्स जमा करना पड़ता है। एंबुलेंस को भी सभी जगहों पर टैक्स माफ करने की योजना है। इसके साथ एंबुलेंस को फिटनेस व टैक्स के लिए सामान्य चे¨कग में न रोकने की भी योजना है।
कैब यूनियन के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने बताया कि कैब के लिए प्रतिदिन सौ रुपये से लेकर दो सौ रुपये से अधिक का टैक्स जमा करना पड़ता है। जिले के 5 हजार से अधिक व्यावसायिक वाहन स्वामियों को योजना लागू होने के बाद राहत मिलेगी व यात्रियों को भी सुविधा होगी।