वर्ष 2020 की फरवरी का आखिरी सप्ताह दिल्ली के लिए एक भयावह सपने जैसा रहा। दिल वालों की दिल्ली में इस बार नफरत की ऐसी होली खेली गई कि कुछ ही दिन बाद आ रही रंगों की होली फीकी पड़नी तय है। 23 से 26 फरवरी के बीच यहां हुई बर्बादी के निशां इतनी आसानी से मिटने वाले नहीं हैं। दिल्ली के ताजा दंगे इस बात के सबूत हैं कि हिंसा हिन्दू-मुसलमान में फर्क नहीं करती। उसकी जद में जो भी आता है, उसे बर्बाद ही होना पड़ता है। हिंसा की आग में IB कर्मचारी अंकित शर्मा खाक हुए हैं तो BSF कांस्टेबल मोहम्मद अनीस का भी आशियाना भी स्वाहा हो चुका है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाके में रहने वाले BSF कांस्टेबल मोहम्मद अनीस का भी घर दंगाइयों ने जला दिया था। कांस्टेबल ने इसकी जानकारी अपने अधिकारियों को नहीं दी थी। लेकिन जब BSF को मीडिया के माध्यम से घटना की जानकारी हुई तो सेना ने अपने जवान की मदद करने में देर नहीं की। शनिवार को BSF के अधिकारियों ने कांस्टेबल के पिता से संपर्क किया और फिर राहत सामग्री लेकर खुद उनके घर पहुँच गए। कांस्टेबल मोहम्मद अनीस इस समय ओडिशा में तैनात हैं।
BSF के DIG पुष्पेन्द्र सिंह राठौर अन्य अधिकारियों के साथ राहत सामग्री लेकर जवान के घर पहुंचे। DIG मोहम्मद अनीस के पिता को आश्वासन दिया कि मकान सही कराने के लिए उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाएगी। जल्द ही 10 लाख रुपए का चेक पीड़ित परिवार को सौंपा जाएगा। DIG पुष्पेन्द्र सिंह राठौर यह भी कि जवान मोहम्मद अनीस का तबादला भी जल्द ही दिल्ली कर दिया जाएगा।