Delhi Chunav: मतदान से 48 घंटे पहले RSS ने खेला दाव, केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ना तय, हरियाणा-महाराष्ट्र में दिख चुका है असर !

Delhi Chunav: दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है. भाजपा को संघ का समर्थन मिल रहा है, जिसने 50 हजार से अधिक मीटिंग की हैं. संघ की सक्रियता से भाजपा को फायदा हो सकता है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की परेशानी बढ़ना तय है.

Delhi Chunav: दिल्ली में अब से करीब 24 घंटे बाद वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल के साथ बीते 10 सालों का एंटी इंकम्बेंसी है. इस कारण भाजपा इस चुनाव को अपने लिए सुनहरा मौका मान रही है. इस कारण वह पूरी ताकत से यह चुनाव लड़ रही है. उसे इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी पूरा समर्थन मिल रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक संघ इस चुनाव के लिए कमर कस चुकी है. उसने चुनाव से पहले दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 50 हजार से अधिक मीटिंग की है. उसने राजधानी के हर एक मतदाता तक पहुंच बनाने की रणनीति बनाई है.

इसके लिए संघ ने राजधानी को आठ विभागों में बांटा है और अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में उतारा है. इन आठ विभागों के कार्यकर्ताओं ने राजधानी के वोटरों को शिक्षित करने के लिए ये बैठकें की हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने संघ के एक सीनियर पदाधिकारी के हवाले से कहा कि हमारा काम मतदाताओं को वोट डालने के लिए जागरूक करना है. हम उन्हें राष्ट्रहित में वोट डालने के लिए कहते हैं. लेकिन, निश्चिततौर पर हम उनसे भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए कहते हैं क्योंकि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो राष्ट्रहित में काम कर रही है.

संघ की योजना

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही संघ ने इसकी योजना बना ली थी. उसने अपने सभी आठों विभागों के कार्यकर्ताओं से बंद कमरे में मीटिंग करने को कहा था. ये मीटिंग मोहल्ले के भीतर छोटे-छोटे समूह के साथ, ऑफिसों में, संस्थाओं में, शॉपिंग सेंटरों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य इलाकों में आयोजित की गई. संघ का लक्ष्य 60 हजार मीटिंग आयोजित करने का है. इसके लिए तमाम प्रचारों को लगाया गया है. साथ ही दिल्ली मुख्यायल में मौजूदा पदाधिकारियों से भी एक्टिव रहने को कहा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक नगर, जिला और विभाग हर स्तर पर नियमित तौर पर मीटिंग आयोजित हुई और मतदाताओं का फीडबैक लिया गया. बीते सोमवार को सभी विभागों में ऐसी एक और मीटिंग हुई. सभी विभाग प्रमुखों को उस क्षेत्र के बारे में प्रांत यूनिट के साथ डेटा साझा करने को कहा गया है.

संघ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में भी ऐसी सक्रियता दिखाई थी. चुनावी विश्लेषको का भी मानना है कि इन दोनों राज्यों में संघ की सक्रियता की वजह से भाजपा को शानदार जीत मिली. अब वह दिल्ली में भी वही रणनीति अपना रही है. ऐसे में देखना होगा कि संघ की ये सक्रियता दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या असर डालती है.

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