MP कांग्रेस को नए साल में मिलेगा अध्यक्ष

मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष का फैसला नए साल में ही संभव, प्रदेश में सरकार बने 1 साल तो पूरा हो गया, ऐसे में CM कमलनाथ को दोहरी जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए हाईकमान गंभीर है। नए अध्यक्ष को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर कमलनाथ सरकार के सदस्यों सहित कुछ हारे हुए पूर्व मंत्रियों के नाम की चर्चा है।

विधानसभा चुनाव के 6 महीने पहले कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। पार्टी ने उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा और 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी। CM बनते ही कमलनाथ संगठन की जवाबदारी से मुक्त होना चाहते थे, लेकिन विधानसभा में संतुलन बनाए रखने के लिए संगठन की कमान किसी और को सौंपकर नया शक्ति केंद्र बनाना खतरे से खाली नहीं था, लिहाजा आलाकमान ने कमलनाथ को ही सत्ता के साथ-साथ संगठन की जवाबदारी सौंपे रखी।

दिल्ली में भारत बचाओ रैली के बाद प्रदेश के अधिकांश नेताओं ने हाईकमान के सामने जल्द से जल्द नए अध्यक्ष पर फैसले की बात भी रखी है।
विधानसभा में कमलनाथ सरकार के आरामदायक स्थिति में आने के बाद अब हाईकमान पर संगठन का नया मुखिया बनाने के लिए सभी गुटों का दबाव है। कांग्रेस के कुछ नेता ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि सरकार के सही-गलत फैसलों पर सही राय रखने वाले व्यक्ति को नया प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहिए, जिससे संगठन को मजबूती मिले और सरकार भी सही दिशा में चल सके।

नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधायक कांतिलाल भूरिया व बिसाहूलाल सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, गृह मंत्री बाला बच्चन व वन मंत्री उमंग सिंघार के नाम शामिल हैं। सिंधिया के लोकसभा चुनाव हारने के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष बनने की चर्चा शुरू हो गई थी। चुनाव में हार के बाद भी उनके क्षेत्र व मालवा में सक्रियता के कारण प्रदेश अध्यक्ष के लिए उनका नाम गाहे-बगाहे चर्चा में आता रहा है।

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