अति गंभीर चक्रवात का रूप धारण कर चुके Cyclone Yaas ओडिशा के तट से टकरा गया है। जो 2-3 घंटों तक चलेगी। इसकी वजह से कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है। कई जगहों पर पेड़ों के उखड़ने की तस्वीर भी देखने को मिली है। यास की वजह से पश्चिम बंगाल में तट के कई किमी दूर तक दूकानों और घरों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने बंगाल व ओडिशा के लिए रेड अलर्ट (भारी बारिश की आशंका) जारी किया है। वहीं, चक्रवात से खतरे को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
पश्चिम बंगाल: NDRF का कहना है कि उसने आज सुपर साइक्लोन यास के दौरान पूर्वी मेदिनीपुर जिले के सतीलपुर गांव में झील में डूबने से 3 लोगों को बचाया।
-ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप के जेना ने कहा, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में बिजली के बुनियादी ढांचे को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई और बिजली विभाग ने फीडरों की सुरक्षा जांच भी शुरू कर दी। सड़क की सफाई और मरम्मत के लिए पर्याप्त टीमें मैदान पर उपलब्ध हैं। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वे पहले ही 1.05 लाख से अधिक लोगों को निकाल चुके हैं और यह जारी है। हम मयूरभंज में हवा की गति और क्षति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। हमने बड़े पैमाने पर पेड़ों को उखड़ते देखा है। सड़कों को लगातार साफ किया जा रहा है। चक्रवात यास ने लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी कर ली है। यह सुबह 9 बजे शुरू हुआ और दोपहर 1 बजे कलेक्टर बालासोर और भद्रक से सूचना मिली कि सभी तटीय क्षेत्रों में हवा थम गई है।
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने नबन्ना में चक्रवात यास के मद्देनजर जिलाधिकारियों, आपदा प्रबंधन समिति और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर के दीघा में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। बारिश की वजह से दीघा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ओडिशा के पारादीप में Cyclone Yaas ‘ की वजह से मछली पकड़ने वाली नावों को नुकसान पहुंचा है। वहीं, झारखंड के रांची में भी तेज हवाएं चल रही हैं और मौसम में बदलाव आया है।
मौसम विभाग ने बताया कि Cyclone Yaas ने आज सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच बालासोर से लगभग 20 किमी दक्षिण में उत्तर ओडिशा तट को पार किया। इस दौरान हवा की गति 130-140 किमी प्रति घंटे से 155 किमी प्रति घंटे रही। इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया। इसके अगले 3 घंटों के दौरान धीरे-धीरे गंभीर चक्रवाती तूफान और बाद के 6 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान में कमजोर होने की संभावना है।
पूर्वी रेलवे के जीएम मनोज जोशी ने कहा, चक्रवात को देखते हुए हमने चौबीसों घंटे समर्पित नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। COVID रोगियों के लिए ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडारण किया गया है। ओवरहेड वायरिंग फेल होने की स्थिति में हमने अपने डीजल इंजनों को भी तैनात किया है।
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि कल सुबह यास झारखंड पहुंचेगा तब इसके हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। ओडिशा के अंदर के जिलों में भी हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। तूफान बालेश्वर के दक्षिण में ओडिशा तट को पार कर रहा है। अभी इसके हवा की गति 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे है। लैंडफॉल प्रक्रिया अभी चल रही है जो 3 घंटे में पूरी होगी। इसके बाद ये कमजोर होकर उत्तर पश्चिम दिशा में गति करेगा।