महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। महा विकास अघाड़ी सरकार में शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 11 विधायकों से पार्टी आलाकमान का संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा परिषद चुनाव के एक दिन बाद सामने आया है, जिसमें भाजपा (BJP) ने सत्तारूढ़ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को जोरदार झटका देते हुए 5वीं सीट पर जीत दर्ज कर ली। बताया जा रहा है कि शिंदे और अन्य विधायक सूरत के एक 5 स्टार होटल में ठहरे हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो इन सभी विधायकों ने सोमवार शाम 7 बजे सूरत के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट से उड़ान भरी। ठाणे में महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इधर एमएलसी (MLC) चुनाव में संदिग्ध क्रॉस वोटिंग के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर 12 बजे शिवसेना के सभी विधायकों की तत्काल बैठक बुलाई है। सभी विधायकों को बैठक में मौजूद रहने के लिए सख्ती से कहा गया है। एमवीए के घटक दल कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे एमएलसी चुनाव में हार गए थे।
राज्यसभा के बाद एमएलसी चुनाव में भी BJP ने दिया MVA को झटका
गत 10 जून को राज्यसभा चुनाव के बाद राज्य में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन के लिए एमएलसी (MLC) चुनाव एक और चौंकाने वाला घटनाक्रम रहा। क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा (BJP) ने कांग्रेस के पहली वरीयता के उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को पछाड़ते हुए अपने अतिरिक्त उम्मीदवार को विधानपरिषद पहुंचाने में सफलता हासिल की। आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव में भी महा विकास अघाड़ी गठबंधन को चौंकाते हुए भाजपा (BJP) ने अपने तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक की जीत सुनिश्चित की थी। शिवसेना के संजय पवार को हार का सामना करना पड़ा था। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसे देवेंद्र फडणवीस का करिश्मा करार दिया था।
क्या खतरे में है उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार
20 जून को हुए महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में भाजपा (BJP) के सभी 5 उम्मीदवार संख्या बल की कमी के बावजूद चुने गए, जबकि एमवीए को भी पांच सीटें मिलीं। 10वीं सीट के लिए मुख्य मुकाबला कांग्रेस के भाई जगताप और भाजपा के प्रसाद लाड के बीच था। दोनों ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस की पहली पसंद चंद्रकांत हंडोरे को 10 सीटों के लिए खड़े 11 उम्मीदवारों के इस चुनावी मुकाबले में अप्रत्याशित रूप से हार का सामना करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक एमएलसी चुनावों में भाजपा (BJP) को 20 अतिरिक्त वोट मिले हैं। यदि विधान परिषद चुनाव में समर्थन देने वाले 20 विधायक भाजपा के खेमे में चले जाते हैं, तो उसे उद्धव ठाकरे सरकार को सत्ता से हटाने के लिए 11 से कम विधायकों के समर्थन की जरूर पड़ेगी. इसलिए एकनाथ शिंदे का 11 विधायकों के साथ सूरत जाना शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन के लिए चिंता का कारण है।
एमएलसी चुनाव में जीतने का कोटा प्रति उम्मीदवार 26 वोट का था, और छोटे दलों या निर्दलीय उम्मीदवारों के 29 विधायकों के वोट दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण थे। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में, शिवसेना के 1 विधायक रमेश लटके का हाल ही में निधन हो गया था, जबकि एनसीपी के 2 विधायकों अनिल देशमुख और नवाब मलिक, जो वर्तमान में जेल में हैं, को बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मतदान की अनुमति नहीं दी। एमवीए के उम्मीदवार सचिन अहीर और अमाशा पड़वी (शिवसेना), रामराजे नाइक-निंबालकर और एकनाथ खडसे (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और भाई जगताप (कांग्रेस) ने एमएलसी इलेक्शन में जीत हासिल की. भाजपा के सभी उम्मीदवार- प्रवीण दरेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय, उमा खापरे और प्रसाद लाड ने जीत हासिल की।
भगवा पार्टी को पैसे और प्रवर्तन निदेशालय के दम पर मिली जीत: सुप्रिया सुले
मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास संख्या बल कम था, इसके बावजूद उसके सभी उम्मीदवार जीतने में सफल रहे। पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि परिणाम एमवीए सरकार के खिलाफ सत्तारूढ़ विधायकों के बीच अशांति का संकेत देते हैं। राकांपा ने भाजपा (BJP) पर एमएलसी चुनावों में खरीद-फरोख्त और गुप्त समझौतों में शामिल होने का आरोप लगाया है, जिसके कारण कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा।कांग्रेस ने कहा कि अगर उसके विधायकों ने हंडोरे को वोट नहीं दिया तो किसी को दोष नहीं दिया जा सकता. राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भगवा पार्टी पैसे और प्रवर्तन निदेशालय के दम पर जीती है।
नतीजे राज्य सरकार के खिलाफ विधायकों में अशांति का संकेत: देवेंद्र फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘राज्यसभा चुनाव में, हम 123 विधायकों के प्रथम वरीयता वोट पाने में कामयाब रहे. विधान परिषद चुनाव में, हम 134 वोट पाने में सफल रहे। यह राज्य सरकार के खिलाफ विधायकों में अशांति का संकेत है।’ भाजपा ने संख्या बल नहीं होने के बावजूद कैसे अपने 5वें उम्मीदवार को जिताने में सफलता पाई? इस सवाल के जवाब में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे पास एमएलसी चुनाव में अपने 5वें उम्मीदवार के लिए 1 भी वोट नहीं था, लेकिन भाजपा वह सीट जीतने में सफल रही। यह सभी निर्दलीय विधायकों और छोटे दलों के समर्थन के कारण संभव हुआ। एमवीए सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई लोगों के हित के लिए है।
संजय राउत बोले- शिंदे और कुछ विधायक हमारे संपर्क में नहीं, MVA सरकार को गिराने की कोशिश
शिवसेना के कुछ विधायक और एकनाथ शिंदे फिलहाल हमारी पहुंच में नहीं हैं। एमवीए सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बीजेपी (BJP) को यह याद रखना होगा कि महाराष्ट्र, राजस्थान या मध्य प्रदेश से बहुत अलग है। महा विकास अघाड़ी सरकार के गठन के समय भाजपा द्वारा ऐसा ही प्रयास किया गया था, लेकिन वह प्रयोग सफल नहीं हुआ। तो अब फिर से वही प्रयास किया जा रहा है।
विधायकों को लौटने ने दिया जा रहा, मौका मिलते ही वे शिवसेना में वापस आ जाएंगे: राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, संजय राठौड़, प्रताप सरनाइक वर्षा बंगले (महाराष्ट्र सीएम निवास) में। सीआर पाटिल (भाजपा विधायक) गुजरात में उनके लिए व्यवस्था कर रहे हैं। हर कोई जानता है कि वह किसके करीब हैं। इस बीच, मैं पवार साहब के संपर्क में हूं। हम पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। अनिल परब को आज फिर नोटिस भेजा गया है। इन दबावों को हर कोई जानता है। कई विधायक वापस आना चाहते हैं। उन्हें वापस आने नहीं दिया जा रहा।मौका मिलते ही हमारे सभी विधायक वापस आ जाएंगे।
एकनाथ शिंदे पर उनसे बात होने तक टिप्पणी नहीं कर सकता: संजय राउत
शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, एकनाथ शिंदे पर तब तक टिप्पणी नहीं कर सकता, जब तक मैं उनसे बात नहीं करता। लेकिन वह अब भी शिवसेना का हिस्सा हैं।
संजय राउत ने एमवीए सरकार पर किसी तरह के संकट से किया इनकार
मीडिया से बात करते हुए, शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में किसी भी ‘राजनीतिक भूकंप’ से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘कोई राजनीतिक भूकंप नहीं है। शिवसेना के पास कभी ऐसा नेता नहीं होगा जो खुद को बेच दे। मुंबई पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। लेकिन, राजस्थान और मध्य प्रदेश का पैटर्न महाराष्ट्र में नहीं दोहराया जाएगा।’
एकनाथ शिंदे के आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई, उद्धव ने बुलाई शिवसेना विधायकों की आपात बैठक
ठाणे में महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एमएलसी चुनावों में संदिग्ध क्रॉस-वोटिंग के बाद शिंदे कथित तौर पर ‘पहुंच से दूर’ हैं। उनके साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन के अन्य 11 विधायक भी बताए जा रहे हैं। सीएम उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर 12 बजे शिवसेना के सभी विधायकों की तत्काल बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा करने वाले एकनाथ शिंदे के बारे में जान लें
दो साल पहले जब शिवसेना ने नवंबर 2019 में बीजेपी से अलग होने और महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने का फैसला किया, तो एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना विधायक दल का नेता बनने का मौका था. शिंदे की संभावना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की सीएम बनने की अनिच्छा पर आधारित थी। वह एकनाथ शिंदे या संजय राउत को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। हालांकि, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के जोर देने पर उद्धव ठाकरे महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़े।
दिल्ली पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, शरद पवार के घर MVA गठबंधन की बैठक
महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार मुश्किल में दिख रही है। देवेंद्र फडणवीस के अलावा एनसीपी के अजीत पवार, जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। शरद पवार के दिल्ली आवास पर एमवीए नेता बैठक करेंगे। इधर, देवेंद्र फडणवीस भाजना केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने आए हैं।