चुनाव आयोग ने पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। देशभर में इस समय कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है। ऐसे में चुनाव आयोग (Election Commissinon) ने कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे लोगों के मतदान के लिए विशेष सुविधा की है। दरअसल, जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, वहां भी हजारों लोग कोरोना (Corona)संक्रमण से जूझ रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पाजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं। सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने बताया कि उनका चुनाव आयोग (Election Commissinon) की कोशिश रहेगी कि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से न चूके। ऐसे में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
साथ ही सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने बताया कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए पोलिंग टाइम को भी एक घंटे बढ़ाया गया है। हर पोलिंग बूथ पर सेनेटाइजर आदि का भी प्रबंध किया गया है। पोलिंग बूथ पर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वे पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं। कोविड (Covid) गाइडलाइंस का पूरा ध्यान रखते हुए चुनाव कराने की योजना है। चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर माना और सभी पात्र अधिकारियों को प्रीकोशनरी डोज़ लगाई जाएगी। 10 मार्च को 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की मतगणना होगी।
इससे पहले हुए विधानसभा चुनावों में हमें देखने को मिला था कि कोरोना मरीजों को भी पोलिंग बूथ पर मतदान के लिए आना पड़ा था। ये लोग पीपीइ किट पहनकर वोट डालने पहुंचे थे। ऐसे में कोरोना (Corona) मरीजों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी काफी असहजता का सामना करना पड़ा था। साथ ही हजारों लोग अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए थे। लेकिन अब पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा मुहैया करने के बाद स्थिति काफी बदली हुई नजर आएगी।
बता दें कि पांच राज्यों में सात चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले दौर का मतदान होगा। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान होगा। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान और मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को सभी राज्यों में मतगणना होगी।