Omicron Vaccine: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) तेजी से फैल रहा है। दिनोंदिन कोरोना वायरस (Covid 19) के मामले भी उछाल मार रहे हैं। सभी देश कोरोना के खिलाफ टीकाकरण (Corona Vaccine) को बढ़ावा देते हुए इसे अहम हथियार मान रहे हैं। इसी बीच दवा निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer Vaccine) ने जानकारी दी है कि वह ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के खिलाफ भी वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है। उसके अनुसार ये वैक्सीन संभवत: मार्च तक उपलब्ध हो जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार फाइजर कंपनी के सीईओ अल्बर्ट बूरला ने कहा है कि फाइजर पहले से ही सरकारों की गहरी दिलचस्पी के कारण वैक्सीन का निर्माण कर रही है, क्योंकि कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता बढ़ा रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में ओमिक्रॉन (Omicron) मामले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि यह वैक्सीन मार्च में तैयार हो जाएगी। सीईओ का कहना है, ‘मुझे नहीं पता कि हमें इसकी आवश्यकता होगी या नहीं। मुझे नहीं पता कि इसका इस्तेमाल किया जाएगा या नहीं।’
बूरला ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना वैक्सीन के दो डोज और फिर बूस्टर शॉट ने कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन (Omicron) के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान की है। लेकिन ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट पर सीधे केंद्रित एक वैक्सीन एक ऐसे स्ट्रेन के सफल संक्रमण से भी रक्षा करेगा जो अत्यधिक संक्रामक साबित हुआ है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप कई हल्के या गैर लक्षणी मामले भी सामने आए हैं।
सोमवार को एक अलग इंटरव्यू में मॉडर्ना कंपनी के सीईओ (CEO)स्टीफन बंसेल ने भी कहा कि उनकी कंपनी एक बूस्टर डोज विकसित कर रही है जो 2022 की सामने आ रहे ओमिक्रॉन (Omicron) समेत कोरोना के अन्य वेरिएंट पर असरदार हो सकती है। बंसेल ने बताया, ‘हम बूस्टर डोज को लेकर दुनिया भर के स्वास्थ्य नेताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं।’
पिछले साल दवा कंपनी फाइजर ने दावा किया था कि उसकी कोरोना के खिलाफ प्रयोगात्मक गोली कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के खिलाफ भी प्रभावी साबित हुई है। कंपनी ने कहा था कि 2,250 लोगों पर किए गए शोध के पूर्ण निष्कर्ष में इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी कोविड-रोधी गोली वायरस के खिलाफ प्रभावी है। कहा गया था कि कोविड-19 (Covid-19) के शुरुआती लक्षणों के बाद उच्च जोखिम वाले वयस्कों को दी गई दवा से संयुक्त रूप से अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों में करीब 89 फीसदी कमी दर्ज की गई।