उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election) से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। योगी सरकार में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य/स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने मंत्री पद के साथ-साथ भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा छोड़ने के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा का दामन थामा है. दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya News) ने 2017 में भाजपा का दामन थामा था और पडरौना सीट से विधायक बने थे। वह पडरौना सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं।
अखिलेश यादव से मिलकर स्वामी प्रसाद मौर्य सपा (Swami Prasad Maurya) में शामिल हुए. खुद अखिलेश यादव ने इसका जानकारी दी। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ तस्वीर शेयर कर लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा- बाइस में बदलाव होगा’।
सूत्रों की मानें तो आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत 4 विधायक भी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के साथ समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा को कई झटके लगने वाले हैं। मंत्री दारा सिंह चौहान भी भाजपा छोड़ सकते है. इतना ही नहीं, कानपुर देहात से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर भी स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर देखे गए हैं। खबर यह भी है कि तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा भी सपा में जाएंगे।
इससे पहले राज्यपाल को संबोधित त्याग पत्र में स्वीमी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya Resigns) ने अपने इस्तीफे के कारणों का उल्लेख किया और कहा कि विपरीत परिस्थितियों और विचारधारा में रहकर उन्होंने अब तक काम किया है।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने पत्र में लिखा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।’