सीआरपीएफ में Covid-19 से मौत के बाद बटालियन सील

Coronavirus महामारी का असर देश में लगातार बढ़ता जा रहा है, आम आदमी से लेकर खास तक हर कोई इस वायरस की चपेट में आ रहा है। मंगलवार को Corona से जुड़ी एक चिंता वाली खबर सामने आई जब अर्धसैनिक बलों में इस महामारी की वजह से पहली मौत दर्ज की गई, CRPF की 31 बटालियन में तैनात सब- इंस्पेक्टर इकराम हुसैन का निधन हो गया। जिसके बाद दिल्ली में CRPF की एक बटालियन को सील कर दिया गया है।


CRPF में लगातार Coronavirus के मामले बढ़ते गए हैं। अभी तक CRPF के 46 सदस्य Coronavirus से पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, जबकि 257 के टेस्ट का नतीजा आना बाकी है। करीब बटालियन के करीब 1100 सदस्यों को क्वारनटीन किया गया है और पूरी बटालियन सील है।
सूत्रों की मानें तो CRPF में बड़ी संख्या में Coronavirus के मामले आने के बाद गृह मंत्रालय ने नाखुशी व्यक्त की है। गृह मंत्रालय की ओर से CRPF के डीजी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है और पूछा गया है कि Coronavirus को फैलने से रोकने में क्या चूक हुई है।

अप्रैल में पहले CRPF में 5 दिनों के क्वारनटीन के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी, जबकि गृह मंत्रालय ने इसकी अवधि 14 दिन तय की थी। हालांकि, बाद में CRPF ने भी बदलाव करते हुए क्वारनटीन की अवधि को 14 दिन किया। सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में 30 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।


इसके अलावा CRPF के द्वारा एक आदेश भी जारी किया गया, जिसमें छुट्टी पर गए हुए पैरामैडिकल स्टाफ को पास के CRPF अस्पताल में रिपोर्ट करने को कहा गया। इस दौरान किसी भी तरह लॉकडाउन का उल्लंघन ना करने की बात कही गई। इसी दौरान जुड़ने वाले सदस्यों को 5 दिन का क्वारनटीन का ऑर्डर था।

CRPF में Coronavirus की वजह से जिन इकराम हुसैन की मौत हुई है, वह कुपवाड़ा में तैनात थे। लेकिन छुट्टी पर अपने घर नोएडा आए हुए थे और ऑर्डर मिलने के बाद मयूरविहार के अस्पताल में उन्होंने रिपोर्ट किया। लेकिन यहां पर ही एक असिस्टेंट के संपर्क में आने से उनको Coronavirus हो गया। क्वारनटीन के दौरान इकराम में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे थे।
इकराम हुसैन 16 से 18 अप्रैल के बीच Coronavirus पीड़ित के संपर्क में आए, लेकिन 24 तारीख को इसके बारे में जानकारी हुई। जिसके बाद से ही CRPF में Coronavirus के मामले सामने लगे।

CRPF के जवान के अनुसार, Corona पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्ति का इलाज सरकार करवा रही है। लेकिन जो टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं उनकी फीस खुद जवान ही दे रहे हैं, हालांकि बाद में इस राशि को रिइंबर्स किया जा रहा है। लगातार मामले बढ़ते देख CRPF में ही एक कोविड मैनेजमेंट यूनिट बना दी गई है।

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