कांग्रेस (Congress) की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC Meeting) की बैठक सोमवार को हुई. इसमें पार्टी नेताओं ने हाल के चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा के बजाय देश में चल रहे कोरोना महामारी (Coronavirus) के संकट पर बातचीत की. इस दौरान सीडब्ल्यूसी ने एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव भी कोरोना महामारी के कारण टालने का फैसला किया गया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने देश में चल रहे कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. सीडब्ल्यूसी ने कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर को केंद्र सरकार की उदासीनता, असंवेदनशीलता और अक्षमता का प्रत्यक्ष परिणाम कहा है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा, ‘मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा और टीकाकरण का काम राज्यों पर छोड़ दिया. केंद्र सरकार द्वारा सभी को फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक रूप से अधिक न्यायसंगत होगा.’
सीडब्ल्यूसी की ओर से कहा गया कि यह वैज्ञानिक स्तर पर दी गई चेतावनी की केंद्र सरकार की ओर से की गई अवहेलना का नतीजा है. साथ ही यह कोरोना महामारी से निपटने के लिए अग्रिम योजना बनाने में असमर्थता और अनिच्छा का भी नतीजा है, जबकि हेल्थ एक्सपर्ट और संसद की स्टैंडिंग कमेटी की ओर से पहले ही इस बाबत चेतावनी दी गई थी.
कांग्रेस ने प्रस्ताव में केंद्र सरकार पर कोरोना की वैक्सीन की सप्लाई की कमी होने पर भी निशाना साधा. प्रस्ताव में कहा गया कि मोदी सरकार तथ्यों को नकार रही है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने और टीकाकरण बढ़ाने का सुझाव दिया था ताकि कोरोना से निपटा जा सके. लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की ओर से इसका जवाब काफी अशोभनीय तरीके से दिया गया.