यूपीपीएसल में पीएफ घोटाला सामने के बाद मौजूदा योगी सरकार और पूर्ववर्ती सपा सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। दोनों ही पार्टियों घोटाले के लिए एक-दूसरे पर आरोप मढ.ने में जुट गयी हैं। मंगलवार को यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया है। सीएम योगी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधा। इसके बाद सपा मुखिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम योगी पर पलटवार किया है।
सपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब अखिलेश यादव सीएम योगी ने पहला दागा, पीएफ का पैसा हजम करने वाली कंपनी डीएचएफएल में पैसा किस दिन जमा किया गया? उसकी डिटेल्स एफआईआर में है। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सरकार में डीएचएफएल को किसी तरह का भुगतान नहीं हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, इतने बड़े घोटाले पर विपक्ष के सवालों से डरकर सरकार ने रातों-रात मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। लेकिन इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी सिटिंग जज से कराई जाए। पीएफ घोटाले के लिए मौजूदा योगी सरकार ही जिम्मेदार है।
सीएम योगी इस्तीफा दें
अखिलेश यादव ने कहा कि इस घोटाले की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम योगी को इस्तीफा देना चाहिए। मुख्यमंत्री को यह काम मेरी सरकार द्वारा बनाए हुए मेदांता अस्पताल के उद्घाटन से पहले करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार घबराई हुई है। भाजपा नेता सच्चाई को छिपाने में जुट गए हैं। बिजली विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग को खड़ा करने में कर्मचारियों को दिन-रात मेहनत करनी होती है। लेकिन उनके हक का पैसा इतने बड़े घोटाले की भेंट चढ़ गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की जनता को अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे ज्यादा महंगी बिजली दी जा रही है। भाजपा सरकार में यूपी का बिजली कोटा नहीं बढ़ाया गया है। योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक प्रदेश में बिजली का एक भी कारखाना नहीं लगाया है।
सीएम योगी को बताया कमजोर मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने सीएम योगी को कमजोर मुख्यमंत्री बताते हुए कहा, उनकी हालत इतनी खराब है कि वह ऊर्जा मंत्री को भी नहीं हटा सकते। इस सरकार में सभी अधिकारी सरकार के हैं, इसलिए जांच भी निष्पक्ष नहीं हो पाएगी। अखिलेश ने कहा, इस घोटाले की सच्चाई सामने लाने के लिए जांच का जिम्मा किसी सिटिंग जज को सौंपा जाए। घोटाले में दोषी पाए जाने सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
सपा अध्यक्ष ने कहा, सत्ता में आने के बाद सीएम योगी ने बिजली विभाग में हुए कामों की जांच कराने को कहा था, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। कहा कि यूपी में सबसे ज्यादा बिजली घर समाजवादी सरकार में बनाए गए। सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन भी सपा सरकार में ही हुआ। अखिलेश ने कहा, यूपी में इस समय रामराज नहीं बल्कि नाथूराम राज चल रहा है।
सरकार बताए प्रदेश में कितने इन्वेस्टमेंट आए?
विकास और निवेश के दावों पर अखिलेश ने कहा, योगी सरकार बताए कि अब तक प्रदेश में कितने इन्वेस्टमेंट आए हैं। हकीकत यह है कि सभी बैंक फेल हो गए हैं, बैंक डूब रहे हैं। प्रदेश की इकलौती बैंक इलाहाबाद को भी भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। सरकार के पौधरोपण अभियान पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने पूछा, सरकार बताए कि प्रदेश में कहां 22 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं। सरकार पेड़ों को लेकर भी सच नहीं बोलती।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश पाॅवर कारपोरेशन में 2,268 करोड़ रुपए का भविष्य निधि (पीएफ) घोटाला सामने आने के बाद सरकार में बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इतना बड़ा घोटाला सामने के बाद मौजूदा योगी सरकार और पूर्ववर्ती सपा सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुट गई हैं। वहीं कांग्रेस भी इस योगी सरकार पर हमलावर है। मंगलवार को पीएफ घोटाले को लेकर बड़ी गिरफ्तारी हुई। मामले की जांच में जुटी ईओडब्ल्यू ने उत्तर प्रदेश पाॅवर कारपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को भी गिरफ्तार कर लिया।
पूर्ववर्ती सपा सरकार में एपी मिश्रा ही यूपीपीसीएल का प्रबंधन संभाल रहे थे। वह अखिलेश यादव के काफी करीबी भी माने जाते हैं। इस घोटाले में यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले कॉर्पोरेशन के तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी और इम्पलाइज ट्रस्ट के सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया जा चुका है।