मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कोर्ट के निर्णय के क्रम में एक हफ्ते के भीतर 69000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय से शिक्षको की भर्ती का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे प्रदेश के विधालयों को योग्य शिक्षक मिलेंगे। यह भी स्पष्ट हुआ है कि शिक्षक भर्ती के प्रकरण में राज्य सरकार का पक्ष और रणनीति सही थी। फिलहाल CM योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद उम्मीद की जा सकती है कि इसमें अभ्यर्थियों को एक हफ्ते के अंदर नियुक्तिपत्र मिल जाएगा। साथ ही इस परीक्षा का रिजल्ट भी किसी भी समय जारी हो जाएगा।
गौरतलब है कि ये भर्ती करीब डेढ़ साल से कोर्ट में अटकी हुई थी। इसमें विवाद का विषय इसका कट ऑफ था जो यूपी सरकार ने परीक्षा के बाद निर्धारित किया था। पहले इस परीक्षा का कट ऑफ सामान्य और ओबीसी के लिए 45 और एससी/एसटी के लिए 40 फीसदी निर्धारित था। लेकिन UP सरकार ने परीक्षा के बाद इसका कट ऑफ सामान्य के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 निर्धारित कर दिया था।
इससे अभ्यर्थियों का एक वर्ग नाराज हो गया और उनका कहना था कि परीक्षा के बाद कट ऑफ का निर्धारण सही नहीं है। लेकिन UP सरकार का कहना था कि योग्य अध्यापकों की भर्ती के लिए ऐसे कट ऑप का निर्धारण किया गया है। हालांकि HC की एकल बेंच ने योगी सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया था। लेकिन डबल बेंच ने सरकार के पक्ष को सही माना जा है। इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक शिक्षामित्रों की नौकरी मिलना मुश्किल हो जाएगी।
हालांकि उनको 25 अंकों का भारांक दिया गया है लेकिन इतनी हाई मेरिट होने की वजह से उनका नौकरी की लिस्ट में शामिल मुश्किल है। इस परीक्षा के अंकों के साथ ही अभी हाईस्कूल और 12वीं के 10-10 फीसदी, स्नातक व शिक्षक प्रशिक्षण (बीटीसी, डीएलएड या बीएड) के 60 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के मिलेंगे। इसके बाद शिक्षामित्र रहे हैं उसका भी भारांक मेरिट में जुड़ेगा।