ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाओं यानी बीटा ब्लॉकर्स को लेकर एक नया शोध किया गया है। इसका दावा है कि इन दवाओं से डिप्रेशन के खतरे का अंदेशा नहीं है। यह माना जाता है कि बीटा ब्लॉकर्स से डिप्रेशन का खतरा हो सकता है। इन दवाओं का इस्तेमाल हृदय संबंधी रोगों के इलाज में किया जाता है।
अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका हाइपरटेंशन में यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है। इसका कहना है कि बीटा ब्लॉकर्स के चलते डिप्रेशन की आशंका नहीं पाई गई है। हालांकि बीटा ब्लॉकर्स थेरेपी के दौरान डिप्रेशन का खतरा हो सकता है। बीटा ब्लॉकर्स उन दवाओं का एक वर्ग है, जिसका इस्तेमाल हृदय गति और रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इससे Blood Pressure को कम किया जाता है। यह उपचार आमतौर पर अनियमित दिल की धड़कन, सीने में दर्द, हाई बीपी समेत हृदय रोग में आजमाया जाता है।
शोधकर्ताओं के एक वर्ग को यह अंदेशा है कि बीटा ब्लॉकर्स के चलते डिप्रेशन, एंग्जाइटी या अनिद्रा के रूप में दुष्प्रभाव सामने आ सकता है। अध्ययन के शोधकर्ता और बर्लिन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के प्रोफेसर रेनहोल्ड क्रेट्ज ने कहा, ‘विज्ञानियों में बीटा ब्लॉकर्स के दुष्प्रभाव को लेकर दशकों से चर्चा चल रही है। हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि बीटा ब्लॉकर्स का इतना अधिक दुष्प्रभाव नहीं होता है।’ शोधकर्ताओं ने बीटा ब्लॉकर्स और मानसिक सेहत पर दुष्प्रभाव के बीच जुड़ाव को लेकर किए अध्ययनों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। इन अध्ययनों में 50 हजार से ज्यादा लोगों के डाटा पर गौर किया गया था।