नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 ने आखिरकार कानून का रूप ले लिया। गुरूवार देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूरी दे दी। जिसके बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब कानून बन गया। आपको बता दें नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया था, और ये विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था। राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े थे जबकि विपक्ष में 105 वोट डाले गए थे। सदन में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने ये साफ किया था कि इस बिल से देश के मुस्लिमों का कोई संबंध नहीं है। साथ ही नागरिकता बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है, और इस बिल के तहत किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं होगा। आपको बता दें कानून बनने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अवैध तरीके से रहने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद भी नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा। 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तारीख तक भारत में प्रवेश करने वाले लोग आवेदन कर सकते हैं।
आपको बता दें विधेयक पारित होने के बाद असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी के साथ तोड़-फोड़ की घटना सामने आई थी जिसकी वजह से कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं फिलहाल बंद कर दी गई है।