Chhath Puja 2022

Chhath Puja 2022: झारखंड में छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, प्रशासन ने खतरनाक घाटों पर लगाया बैरियर

Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya राज्य के बड़े छठ घाटों पर जिला प्रशासन की टीम के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) (NDRF) के जवान भी तैनात किए गए हैं। एनडीआरएफ के साथ राज्य आपदा मोचन बल के प्रशिक्षु जवानों को भी लगाया गया है, ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में तुरंत रेस्क्यू चलाया जा सके। प्रमुख डैम, नदी व तालाब जहां अत्याधिक भीड़ जुटने की संभावना बनी रहती है, वहां विशेष सुरक्षा के इंतजाम होंगे।
प्रशासन ने खतरनाक घाटों पर लगाया बैरियर

छठ पूजा समितियों के साथ मिलकर जिला प्रशासन व एनडीआरएफ (NDRF) ने खतरनाक घाटों पर बैरियर लगा दिया है, ताकि उससे आगे कोई नहीं जा सके। छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। ये जवान व अधिकारी छठ पूजा तक मौके पर मौजूद रहेंगे।कोरोना संक्रमण काल के बाद यह पहली बार है, जब पिछले दो सालों की तुलना में इस बार छठ घाटों पर भीड़भाड़ बढ़ने की संभावना है। संबंधित जिलों से भी छठ व्रतियों व उनके स्वजनों के लिए विशेष सतर्कता बरतने संबंधित एक अपील जारी की गई है।
रविवार शाम भगवान सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य

लोक आस्था तथा सूर्योपासना का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। बिहार-झारखंड के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व पूरे धूमधाम और श्रद्धा से मनाया जा रहा है। इस महापर्व ने अमीर-गरीब, ऊंच-नीच, जाति-वर्ग की खाई पूरी तरह पाट दी है। रविवार को शाम में जहां सांध्य अर्ध्य होगा, वहीं सोमवार को सुबह उगते सूर्य की उपासना होगी। दोनों ही अवसरों पर सभी छोटे-बड़े जलाशयों में भारी भीड़ होगी। ऐसे में छठ पर्व श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा के साथ मनाने की आवश्यकता है।
हादसों को रोकने के लिए स्वयं भी रहे अलर्ट

जलाशयों में सुरक्षा को लेकर निश्चित रूप से जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों द्वारा आवश्यक इंतजाम किए गए होंगे लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा ताकि यह बिना कोई दुर्घटना के साथ यह पर्व शांति और सुरक्षा के साथ मनाया जा सके। जलाशयों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पानी मे उतरने की सीमाएं तय कर उनका स्पष्ट रूप से प्रकटीकरण जिला प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए, जिससे लोग आसानी से सुरक्षा सीमा को देख सकें। हमें भी ऐसी निर्धारित सीमाओं का अनुपालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
आतिशबाजी पर रोक लगाने की ज्यादा जरूरत

भीड़ में धक्का-मुक्की या आगे जाने की होड़ से बचना चाहिए। हममें दूसरों को भी पूजा का अवसर प्रदान करने की भावना होनी चाहिए। छठ घाटों में आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध होना चाहिए, क्योंकि आतिशबाजी बड़ी घटना का कारण बन सकता है। उम्मीद है कि जिला प्रशासन, सामाजिक संगठन तथा आमलोग सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए छठ पर्व को पूरी सुरक्षा, शांति, समर्पण और सहयोग की भावना के साथ मनाएंगे।

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