सभी को छठ पर्व का इंतजार है। छठ पूजा का महापर्व उत्तर भारत और खासतौर पर बिहार, यूपी और झारखंड में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार पूरे देश में छठ पूजा पर कोरोना महामारी का असर पड़ेगा। सार्वजनिक स्थानों पर कम भीड़ जुटाने की अपील की जा रही है। लोगों से कहा जा रहा है कि वे घर पर ही जल स्रोत बनाकर छठ मइया की पूजा अचर्ना करें। छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है, इसके अगले दिन खरना होता है, तीसरे दिन छठ पर्व का प्रसाद तैयार किया जाता है और स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन उगले सूर्य की आराधना की जाती है। इस तरह 4 दिवसीय छठ पर्व पूर्ण होता है।
इस बार घर पर ही करें छठ पूजा
छठ पूजा पर कहीं कहीं बैन लगाया गया है। वहीं कई जगहों पर इसका विरोध भी किया जा रहा है। अधिकांश राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों और तालाबों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई गई है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि छठ पूजा के दौरान भीड़ जमा होने पर कोरोना संक्रमण का खतरा है। यही कारण है कि लोगों से घरों में ही पूजा करने को कहा जा रहा है।
छठ पूज पर क्यों की जाती है सूर्य की आराधना
छठ पर्व में सूर्य की आराधना का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठी माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता हैं। छठ पर्व में सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में सुख शांति तथा संपन्नता प्रदान करती हैं। छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है।
छठ पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार 20 नवंबर से छठ पर्व की शुरुआत होगी. इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 48 मिनट पर होगा। वहीं, सूर्यास्त 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। वैसे षष्ठी तिथि एक दिन पहले यानी 19 नवंबर की रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगी और 20 नवंबर की रात 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। इसके अगले दिन सूर्य को सुबह अर्घ्य देने का समय छह बजकर 48 मिनट पर है।
पहला दिन : नहाय-खाय
छठ पूजा की शुरुआत चतुर्थी तिथि से होती है। ये छठ पूजा का पहला दिन होता है। इस दिन नहाय-खाय होता है। इस साल नहाय-खाय 18 नवंबर के दिन बुधवार को पड़ेगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 बजे और सूर्योस्त शाम को 05 बजकर 26 पर होगा।
दूसरा दिन : लोहंडा और खरना
लोहंडा और खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। ये कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। इस बार लोहंडा और खरना 19 नवंबर दिन गुरुवार को है। इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। वहीं, सूर्योस्त शाम को 05 बजकर 26 मिनट पर होगा।
तीसरा दिन : छठ पूजा, सन्ध्या अर्घ्य
छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है। इस दिन छठ पूजा होती है। इस दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार छठ पूजा 20 नवंबर को है। सूर्यादय 06 बजकर 48 मिनट पर होगा और सूर्योस्त 05 बजकर 26 मिनट पर होना है। छठ पूजा के लिए षष्ठी तिथि का प्रारम्भ 19 नवबंर की रात 09 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है, जो 20 नवंबर की रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगा।
चौथा दिन : सूर्योदय अर्घ्य, पारण का दिन
छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है, इस वर्ष छठ पूजा का सूर्योदय अर्घ्य तथा पारण 21 नवंबर को होगा इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 49 मिनट तथा सूर्योस्त शाम को 05 बजकर 25 मिनट पर होगा।