सड़क-वाहनों की स्पीड को कंट्रोल नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से दुर्घटना में कमी नहीं आ रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। जो जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए थे, वह परिवहन विभाग द्वारा नहीं उठाए गए हैं। रोड सेफ्टी नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। लोगों की आए दिन दुर्घटना में मौत को लेकर कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय सहित राज्य सरकार के गृह सचिव से संपूर्ण ब्योरे के साथ उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट की वकील भारती कश्यप की जनहित याचिका पर दिया है। ट्रैफिक के नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसकी वजह से भारी संख्या में दुर्घटनाएं हो रही हैं। पुलिस केवल वाहनों का चालान काट रही है और दुर्घटना के वास्तविक कारणों पता लगाकर रोक लगाने के उपाय नहीं कर रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा से गौतम बुद्ध नगर जाने वाले यमुना एक्सप्रेस वे पर यातायात नियंत्रण कानून लागू न करने से हो रही दुर्घटनाओं में मौतों को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय एवं प्रदेश के गृह सचिव से ब्योरे के साथ हलफनामा मांगा है।