CBSE Board Exams 2020: 12वीं बोर्ड की एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली परीक्षाएं रद्द

CBSE ने बची हुई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच होने वाली 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी हैं। SC में बोर्ड की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ये बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन विषयों की परीक्षा नहीं हुई है उसके लिए योजना तैयार की गई है।


सुप्रीम कोर्ट ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा भी रद्द करने का आदेश दिया। ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं। महाराष्ट्र राज्य ने बॉम्बे HC को बताया है कि वे परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते। इसलिए अब ICSE बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है। इसमें आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली का पालन होगा। हालांकि ICSE ने बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि SC को आदेश पारित करना चाहिए कि इस मामले के बारे में मामला SC में आना चाहिए न कि हाईकोर्ट में।

Coronavirus महामारी के चलते मार्च में CBSE और ICSE समेत कई स्टेट बोर्ड के भी कुछ पेपर बाकी रह गए थे। कुछ स्टेट बोर्ड ने बिना परीक्षा के ही बच्चों को पास कर दिया, जबकि CBSE ने जुलाई में बचे हुए पेपर कराने का फैसला किया। CBSE ने बचे हुए पेपर 1 से 15 जुलाई के बीच कराने के लिए कहा था।

सीबीएसई के इस फैसले के खिलाफ SC में याचिका लगाई गई और Exam रद्द कराने की मांग की गई। पैरेंट्स की इस याचिका में कहा गया था कि Coronavirus का खतरा हर तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में Exam होने पर बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए CBSE Board के फैसले को रद्द किया जाए।

इस याचिका पर SC ने सीबीएसई से जवाब मांगा था। इसके बाद 23 जून को मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीएसई की तरफ से कहा गया कि बचे हुए पेपर रद्द करने के मामले में चर्चा अंतिम चरण में है और जल्द ही बोर्ड इस पर फैसला लेगा। केंद्र सरकार और सीबीएसई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में 23 जून को कहा था, ”निर्णय लेने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है और गुरुवार तक यह पूरी हो जाएगी।” सरकार और बोर्ड की इस दलील के बाद SC ने सुनवाई गुरुवार यानी 25 जून तक टाल दी थी।

पैरेंट्स के अलावा दिल्ली सरकार ने भी परीक्षा रद्द कराने की मांग की थी। दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को पत्र लिखकर कहा था कि Coronavirus से पैदा हुए मौजूदा हालातों में परीक्षा कराना बहुत मुश्किल है, ऐसे में इंटरनल असेसमेंट के जरिए बच्चों के रिजल्ट जारी कर दिए जाएं और बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं।

वहीं, दूसरी ओर ICSE की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं का मामला बॉम्बे HC में चल रहा है। बुधवार को इस मसले पर महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि Coronavirus की स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराने की परमिशन नहीं दी जा सकती है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि Coronavirus से पनपे हालातों के मद्देनजर राज्य सरकार ICSE बोर्ड को 2 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति नहीं दे सकती है।

इससे पहले ICSE ने बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने अपना प्रस्ताव रखा था कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स अगर चाहें तो परीक्षाओं को छोड़ सकते हैं। परीक्षा न देने का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्री- बोर्ड Exam की परफॉर्मेंस या इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा। ICSE बोर्ड की परीक्षाएं 1 से 14 जुलाई के बीच कराने का फैसला किया गया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1