राजधानी दिल्ली की विशेष CBI अदालत ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के OSD जीके माधव को 14 फरवरी तक के लिए CBI रिमांड पर भेज दिया है। CBI का दावा है कि अब तक की पूछताछ के दौरान अनेक ऐसे अहम तथ्य मिले हैं जिनके आधार पर पूछताछ होनी जरूरी है। साथ ही CBI ने न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजे गए दलाल धीरज गुप्ता से भी फिर से पूछताछ किए जाने की मांग की है। विशेष अदालत ने धीरज गुप्ता को अदालत में पेश किए जाने के लिए मंगलवार के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है।
सूत्रों का कहना है कि CBI धीरज गुप्ता और जीके माधव दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है। CBI सूत्रों के मुताबिक जीके माधव को शनिवार को दो दिन की CBI रिमांड पर लिया गया था। इस दौरान पूछताछ के दौरान अनेक ऐसे तथ्य सामने आए जिनके आधार पर CBI ने आज फिर विशेष CBI अदालत से जी के माधव को 7 दिन की CBI रिमांड पर भेजे जाने की मांग की।
CBI का तर्क था कि अब तक की जांच के दौरान ट्रांसपोर्टर्स की एक लंबी लिस्ट मिली है और उन्हें शक है कि इन तमाम ट्रांसपोर्टर से उगाही की जाती रही होगी। लिहाजा इन सभी के बारे में दस्तावेज दिखाकर जीके माधव से पूछताछ की जानी बाकी है।
सूत्रों के अनुसार जीके माधव का नाम अब तक 3 बार सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि छापे के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुए उनमें जीके माधव का नाम था। इसके बाद पकड़े गए दलाल धीरज गुप्ता ने भी जीके माधव का नाम लिया था। CBI सूत्रों का दावा है कि इसके बाद जीके माधव ने पूछताछ के दौरान अनेक ऐसे अहम खुलासे किए हैं जिनकी गहन जांच की जरूरत है।
सूत्रों का दावा है कि इन खुलासों से दिल्ली की राजनीति समेत अनेक नौकरशाही हलकों में हड़कंप मच सकता है। विशेष CBI अदालत के सामने जीके माधव के वकील का तर्क था कि उनसे जबरन हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद CBI की विशेष अदालत ने जीके माधव को 14 फरवरी तक के लिए CBI रिमांड पर भेज दिया।
ध्यान रहे कि जी के माधव को पिछले सप्ताह CBI ने दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों से उगाही करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में दलाल धीरज गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही CBI ने यूटी काडर के 2007 बैच के 1 आईएएस अधिकारी समेत जीएसटी के अनेकों अधिकारियों पर छापेमारी की थी।
CBI सूत्रों का दावा है कि इस जांच के दौरान दलाली के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। सूत्रों का कहना है कि CBI अब धीरज गुप्ता और जीके माधव को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी। साथ ही उनसे कुछ दस्तावेजों के बारे में भी पूछा जाएगा। इस मामले की जांच की आंच कुछ बड़े नौकरशाहों में कुछ नेताओं तक भी पहुंच सकती है।