फिर भिड़े सीबीआइ अफसर, संयुक्त निदेशक पर लगाया फर्जी एनकाउंटर का आरोप

CBI के अधिकारियों के बीच एक बार फिर अंदरूनी लड़ाई सामने आई है। डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी ने संयुक्त निदेशक के खिलाफ फर्जी मुठभेड़ में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसमें झारखंड में 14 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
आपको याद होगा की पिछले साल सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की अंदरूनी लड़ाई में जांच एजेंसी की जमकर फजीहत हुई थी। बाद में दोनों की सीबीआइ से विदाई हो गई थी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के निदेशक, मुख्य सतर्कता आयुक्त और प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई अपनी शिकायत में पुलिस उपाधीक्षक एनपी मिश्र ने आरोप लगाया है कि एजेंसी के संयुक्त निदेशक एके भटनागर झारखंड में हुई फर्जी मुठभेड़ में शामिल थे। इस मामले की सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा-प्रथम जांच कर रही है। उन्होंने कहा है कि सीबीआइ की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए भटनागर को तुरंत एजेंसी से हटाया जाना चाहिए, अन्यथा वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं। भटनागर इस समय सीबीआइ में संयुक्त निदेशक (प्रशासन) के पद पर तैनात हैं।
एनपी मिश्र ने कहा है कि इस संबंध में मारे गए लोगों के परिजनों ने भी शिकायत दर्ज कराई है। डिप्टी एसपी ने यह भी कहा है कि भटनागर के खिलाफ भ्रष्टाचार के भी गंभीर मामले हैं, जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार की है।
यह पहला मौका नहीं है कि मिश्र ने सीबीआइ के अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पत्रकार उमेश राजपूत हत्याकांड में भी सीबीआइ के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और सुबूतों से छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे, लेकिन तब जांच एजेंसी ने आरोपों को नकार दिया था। आरोपों के बाद मिश्र का तबादला कर दिया गया था, जिसे उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है और उस पर एक अक्टूबर को सुनवाई होनी है।

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