CAA के विरोध के दौरान सीलमपुर के जाफराबाद इलाके में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया से अफवाह फैलाकर हिंसा फैलाई गई है। आगे भी इस तरह की घटना की आशंका बनी हुई है। इन पर अंकुश लगाने के लिए CYBER CELL की टीमें फेसबुक व वाट्स एप ग्रुपों पर नजर रख रही हैं। वहीं गृह मंत्रालय ने पुलिस से कहा है कि किसी भी दल का नेता हो कार्रवाई से न हिचकें।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व साइबर सेल की टीमें 24 घंटे सोशल मीडिया को मॉनीटर कर रही हैं, ताकि, अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसा जा सके। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस IT act समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करेगी। रिपोर्ट के अनुसार जामिया नगर हिंसा के बाद स्पेशल ब्रांच ने जिला पुलिस को सूचना दे दी थी कि उत्तर-पूर्वी जिले के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी हिंसा हो सकती है। लिहाजा अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा ड्रोन आदि की व्यवस्था पहले से की गई थी। तभी पथराव शुरू होते ही पुलिस ने कई ड्रोन को उड़ा कर उपद्रवियों के बारे में पता लगाया। शांति बहाल होने के लिए अमन कमेटियों के साथ थाना पुलिस लगातार बैठकें कर रही है।
गृह मंत्रालय ने पुलिस से कहा है कि अफवाह फैलाने में अगर कोई नेता भी हो तो पुलिस उनके खिलाफ भी कानून संगत मुकदमा दर्ज करे। देश में अशांति फैलाने वाले किसी भी दल के नेता को बख्शा नहीं जाएगा। रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता अफवाह व हिंसा फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह लोग युवाओं को गुमराह कर दिल्ली में अशांति फैलाने में जुटे हैं। दिल्ली पुलिस ने खुफिया विभाग की स्पेशल ब्रांच को ऐसे नेताओं पर निगरानी रखने को कहा है।
अफवाहों को रोकने के लिए पुलिस नई रणनीति के तहत काम कर रही है है। सोशल मीडिया पर जितनी भी फेक वीडियो चलती पाई जा रही हैं। उसे ठीक करके इलाके के प्रबुद्ध वर्ग व युवाओं के माध्यम से समाज को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।