Business Idea : जानिए क्या होती है वर्टिकल फार्मिंग और कैसे कर सकते हैं लाखों की कमाई?

अगर आप वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) करके लाखों रुपए की कमाई करना चाहते हैं तो आप आसानी से वर्टिकल फार्मिंग करके कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि वर्टिकल फार्मिंग क्या होती है और इससे कैसे कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. यहां आपको बताते हैं कि वर्टिकल फार्मिंग क्या होती है और कैसे की जाती है. बता दें कि हमारा भारत एक ऐसा देश है, जहां कुदरत का दिया हुआ सब कुछ है. यहां खेती के लिए अच्छी जमीन तथा पानी के लिए नदियों का जल अमृत समान हैं. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां आपको खेती के लिए अच्छे जमीन नहीं मिलेंगी, मिलेंगी भी तो सिर्फ बंजर जमीन. जहां आप फसल उगाने के बारे में सोच भी नहीं सकते, लेकिन इस देश के लोग एक तकनीक का प्रयोग करके अपने घरों के दीवारों पर फसल उपजा रहे हैं. इसी तकनीक को वर्टिकल फार्मिंग कहते हैं.

वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें छोटे-छोटे गमलों के माध्यम से घरों की दीवारों पर खेती की जाती है और यही तकनीक का प्रयोग इजराइल देश के लोग करते हैं. यहां के निवासी अपने घरों के दीवारों पर छोटे-छोटे गमले इस प्रकार से सेट करते हैं कि ये गमले नीचे न गिरें. इन गमलों में कोई फसल उपजाने के लिए गमले को दीवारों से नीचे उतार दिया जाता है और इसमें फसल लगाकर इसको फिर से दीवारों पर सेट कर दिया जाता है. फसल न सूखे इसके लिए गमलों में एक उचित व्यवस्था के जरिये पानी दिया जाता है.

वर्टिकल फॉर्मिंग शुरू करने में खर्च
आबादी के हिसाब से इस तरह की खेती के लिए भारत एक मुफीद जगह साबित हो सकता है. यहां खुदरा बाजार के अलावा, होटल, फूड चेन्स, रेलवे केटरिंग, विदेशी फूड सर्विस कंपनियों आदि में सब्जी और फल की अच्छी खपत होती है. अगर किसान के पास खुद की ज़मीन है तो उन्हें हर 5 साल के लिए प्रति एकड़ जमीन पर करीब 30.5 लाख रुपये खर्च करने होंगे. उदारहण के तौर पर टमाटर की फसल तैयार करने के​ लिए कार्य-संबंधी प्र​ति एकड़ खर्च करीब 9 लाख रुपये पड़ता है. लेकिन इससे किसानों को करीब 33.5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है. किसान चाहें तो कृषि लोन के तौर पर 75 फीसदी रकम लोन के रूप में ले सकते हैं. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड से भी किसानों को 20 फीसदी सब्सिडी मिल जाएगी.

पर्यावरण के लिए बेहतर है वर्टीकल फार्मिंग
वर्टीकल फार्मिंग तकनीक का प्रयोग आज बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. यह तकनीक केवल फसलों के लिए ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी बेहतर साबित हुई है. घरों की दीवारों पर फसल उपजाने से घर गर्मियों के मौसम में गर्म नहीं होता है और साथ ही साथ हवा में नमी बनाए रखते हैं. लोगों के अनुसार, इस तकनीक से खेती करने से ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आती है और इस तकनीक के माध्यम से साधारण खेती के तुलना में फसल भी तीन गुना ज्यादा उपज रही है, जिससे लोग लाखों की कमाई कर रहे हैं.

भारत मे भी हो चुकी शुरुआत
अब इस तकनीक वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) की शुरुआत हमारा देश भारत मे भी हो रही है. आबादी को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां (भारत) में भी जमीन की कमी हो सकती है, इसलिए भारत ने इस तकनीक को अपनाना शूरु कर दिया है. आज भारत के कई राज्यों में जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता आदि महानगरों में लोग अपने छतों पर फसल उगाना शुरू कर दिए है. लोग अपने छतों पर फूल के पौधे तथा कुछ लोग फसल भी लगाने लगे है. ज्यादातर लोग अपनी घरों की सौंदर्यता बढ़ाने या प्रकृति के नजदीक आने के लिए करते है तो कुछ लोग अपने कमाने के जरिये के लिए भी करते हैं. भारत मे वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के तकनीक का प्रयोग थोड़ा इजराइल से अलग है.

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