फिर साथ आएंगे भाजपा-शिवसेना ? राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र में भी सियासी हलचल तेज

राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बाद अब महाराष्ट्र में भी सियासी हलचल शुरू हो चुकी है। BJP के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि राज्य में एक बार फिर से शिवसेना गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता चन्द्रकांत पाटिल गठबंधन से दूर हुए सहयोगी दल शिवसेना की ओर हाथ बढ़ाते दिखे।

हालांकि CM पद पर उन्होंने पूर्व के रुख को दोहराया और कहा कि BJP यह पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी। गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को ही पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे महाराष्ट्र में अपने बूते पर सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएं। पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते BJP मुख्यमंत्री का पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी क्योंकि अगर वह ऐसा करती है तो उसे बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में भी यही फॉर्मूला अपनाना होगा।

महाराष्ट्र BJP के प्रमुख पाटिल ने कहा, अगर BJP का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश के हित में राज्य ईकाई को शिवसेना के साथ गठबंधन करने को कहता है… मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि यदि दोनों पार्टियां (भाजपा और शिवसेना) साथ आ भी जाती हैं, तो भी हम भविष्य में साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे।

भाजपा और उसके पुराने सहयोगी शिवसेना ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन CM पद को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुआ और शिवसेना ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया। उसके बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (MVA) का गठन किया और इस सरकार के CM शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बने।

CM पद को लेकर BJP का रूख स्पष्ट करते हुए पाटिल ने कहा, हम पिछले पांच साल शिवसेना के साथ काफी उदार रहे। यहां तक कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हम पार्टी के साथ और मंत्री पद साझा करने को तैयार थे, लेकिन राष्ट्रीय दल होने के नाते भाजपा किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद नहीं बांट सकती।

एक तरह से पार्टी की मजबूरी समझाते हुए पाटिल ने कहा, अगर हम ऐसा करते हैं तो बिहार, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी हमें ऐसा ही करना होगा। गौरतलब है कि इन राज्यों में BJP क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर सत्ता में है। नड्डा ने सोमवार को महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा था कि वे अपने बूते पर राज्य में पार्टी की सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएं।

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