मोदी के प्रण और योगी के संकल्प से बनेगा एक और भव्य राम मंदिर, ‘जय श्रीराम’ से खुलेगा BJP के लिए दक्षिण का द्वार!

Ramadevara Betta Ram Temple : अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर में भगवान श्रीराम के मंदिर के गर्भगृह में विराजने की तिथि का ऐलान हो चुका है। मोदी का प्रण और योगी का संकल्प 2024 में मकर संक्राति के दिन पूरा होगा. पर एक और राम मंदिर है जिसके भव्य निर्माण का ऐलान किया गया है। ये राम मंदिर है कर्नाटक में, राज्य की बोम्मई (Basavaraj Mommai) सरकार ने रामदेवराबेट्टा में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर एक प्राचीन राम मंदिर को भव्य मंदिर में तब्दील करने की तैयारी कर ली है। खासबात ये है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को मंदिर के शिलापूजन के लिए आमंत्रित किया जाएगा तो क्या दक्षिण के द्वार में बीजेपी भगवा और हिंदुत्व के सिद्ध मंत्र से प्रवेश करेगी?

बनेगा भव्य राम मंदिर
विकास धर्म के उस मंत्र से जिसने अभी हाल ही में गुजरात के गढ़ को न सिर्फ अजेय बनाया है। बल्कि गुजरात अभेद्य नज़र आया है। लेकिन अब बात आगे कि है।बीजेपी की रणनीतिक धुरंधरों के सामने सवाल आगे के हैं कि 2023 के चुनावी अखाड़े भगवा रंग-विकास के ढंग से सधेंगे..या दोनों की तगड़ी जुगलबंदी से। पर एक बात तो तय दिख रही है कि 23 के चुनावी साल में योगी ब्रांड गवर्नेंस सबसे आगे रखा जाएगा। देश के दक्षिणी दुर्ग को फतह करने के लिए एक कार्ड चला जा चुका है। कर्नाटक में भव्य राम मंदिर निर्माण का। रामदेवराबेट्टा बनेगा कर्नाटक का अयोध्या, राम मंदिर का शिलान्यास यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ करें।

रामदेवराबेट्टा का इतिहास
सनातन हिंदुओं की मान्यता ये है कि रामदेवराबेट्टा को सुग्रीव ने त्रेतायुग में बसाया था। उन्हीं ने भगवान श्रीराम का पहला विग्रह यहां स्थापित किया था। इसी राम मंदिर के शिलान्यस के लिए यूपी के सीएम योगी पहुंचने वाले हैं तारीख अभी तय नहीं है..लेकिन ये तय है कि अयोध्या के बाद कर्नाटक की अयोध्या से निकला संदेश दूर तक जाएगा…क्योंकि योगी ब्रांड आज के दौर में सियासत का वो ब्रांड है।

कर्नाटक की ‘अयोध्या’ में भव्य राम मंदिर
भगवान राम की पहली मूर्ति रामदेवराबेट्टा में है
भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं
जंगलों के बीच राम मंदिर बना हुआ है श्रद्धालु
करीब 400 सीढ़ियां चढ़ कर मंदिर पहुंचते हैं अब
राम मंदिर के भव्य विस्तार के लिए 19 एकड़ ज़मीन दी गई है

ब्रांड योगी
योगी आदित्यनाथ एक बार फिर राम काज के हेतु बनेंगे। कर्नाटक में बीजेपी दरअसल विकास और हिंदुत्व दोनों की धार से विपक्ष पर वार करने की तैयारी कर चुकी है क्योंकि विकास के मुद्दे से लेकर धर्म और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद तक के मुद्दे पर योगी अपने एग्रेशन के साथ असरदार साबित हुए हैं। योगी ब्रांड गवर्नेंस का सबसे ताजा उदाहरण है गुजरात का समर, जिसमें ताबड़तोड़ रैलियों के ज़रिए विकास, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की लकीर पर योगी की स्ट्राइक रेट बेहतरीन रह चुकी है। मतलब, सीएम योगी ने गुजरात के जिन 25 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया, उसमें से बीजेपी भाजपा 18 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही। यहां तक कि 2017 में कांग्रेस के हाथों हारी 5 सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाने में सीएम योगी सफल रहे

2024 की भी तैयारी
इसमें शक नहीं कि योगी मोदी के विजन को जमीन पर हुबहू उतारने में बेहद कामयाब रहे हैं। इसके साथ खुद योगी के गवर्नेंस मॉडल ने देश के भीतर एक बड़ी आबादी पर असर डाला है यही वजह है कि यूपी विधानसभा चुनावों में मोदी-योगी की आक्रामक लेकिन संतुलित जोड़ी जबरदस्त लहर बनाने में कामयाब रही थी। मोदी और योगी ने विपक्ष को मिलकर परिवारवाद, भ्रष्टाचार, माफिया, तुष्टिकरण, जातिवाद के चक्रव्यूह में घेरा था। 2023 दक्षिण के महासमर में जीत की लकीर से अगर पीएम मोदी 2024 की तस्वीर को और गाढ़ा करना चाहते हैं। तो इसमें कोई शक नहीं कि योगी एक असरदार किरदार साबित हो सकते हैं। योगी गवर्नेंस का यूपी मॉडल कहीं ज्यादा असरदार साबित हो सकता है। 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं।

दक्षिण का दुर्ग फतह करने की तैयारी
दक्षिण दुर्ग को भेदने में बीजेपी के लिए दो मोर्च बेहद अहम हैं। एक हैदराबाद दूसरा कर्नाटक। हैदराबाद में लगातार बीजेपी साउथ विजय के ब्लूप्रिंट पर काम कर रही है। दो साल पहले ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनावों में योगी निकाय चुनावों में सीएम योगी ने यहां बंपर सभाएं की थीं। साउथ में भाग्य नगर से बीजेपी के भाग्य का दरवाजा खुल सकता है। योगी का अपना नैरेशन है…लेकिन सूत्र वही है जो पीएम मोदी ने दिया है। सबका साथ सबका विकास…योगी ब्रांड गवर्नेंस मॉडल। धर्म. विकास और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के त्रिसूत्रीय मंत्र के साथ सिद्ध रहा है। बीजेपी को उम्मीद है कि दक्षिण के दुर्ग को फतह करने में ये मॉडल अचूक साबित हो सकता है।

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