हाल ही में उत्तर प्रदेश में जनसँख्या कानून को लेकर प्रदेश में काफी तनातनी का माहौल है .उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण पर जारी अपने मसौदा विधेयक में दो बच्चों से अधिक के मात-पिता को स्थानीय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए आवदेन देने और सरकारी सब्सिडी पाने के अधिकार से वंचित करने का प्रावधान किया है। मजे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरिकरण और कल्याण) विधेयक, 2021 के प्रावधानों को राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भी लागू कर दिया जाए तो खुद बीजेपी के ही 50% विधायक चुनाव लड़ने के अयोग्य साबित हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर कुल 397 विधायकों की प्रोफाइल अपलोड है। इनमें 304 विधायक बीजेपी के हैं। इनके प्रोफाइल बताते हैं कि 152 यानी बिल्कुल आधे विधायकों को दो से ज्यादा बच्चे हैं। इनमें एक बीजेपी विधायक के तो आठ बच्चे हैं। लिस्ट में किसी और विधायक को इतने ज्यादा बच्चे नहीं हैं। एक विधायक को सात बच्चे हैं। बीजेपी के 8 विधायक ऐसे हैं जिनके 6-6 बच्चे हैं। वहीं, 15 विधायकों को 5, 44 को 4, 83 को 3, 103 को 2-2 बच्चे हैं जबकि 34 विधायकों को 1-1 बच्चा है। वहीं, 15 विधायकों में किसी को एक भी बच्चा नहीं है तो किसी ने बच्चे की जानकारी ही उपलब्ध नहीं करवाई है।
गोरखपुर से लोकसभा सांसद और भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन ने जनसंख्या नियंत्रण पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। रवि किशन भी बीजेपी के सांसद हैं और चार बच्चों के पिता हैं। यह अलग बात है कि सरकार के समर्थन के बिना कोई प्राइवेट मेंबर बिल शायद ही पास हो सके। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, संसद ने वर्ष 1970 से ही कोई प्राइवेट मेंबर बिल पास नहीं किया । देशभर में जनसंख्या नियंत्रण के मकसद से संसद में लाए गए जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, 2019 में भी दो दो बच्चों की नीति (Two Children Policy) को ही सरकारी सुविधाओं का आधार बनाया गया है। यानी, दो बच्चों से ज्यादा के माता-पिता हैं तो कानून लागू होने पर सरकारी नौकरी और सब्सिडी पाने के अयोग्य हो जाएंगे। लोकसभा की वेबसाइट कहती है कि 186 सांसद इस कानून के दायरे में आ जाएंगे। इनमें 105 सांसद बीजेपी के हैं जिन्हें दो से ज्यादा संतान हैं।