बिहार भारतीय जनता पार्टी (BJP)के सचेतक व नवादा जिले के हिसुआ के विधायक(MLA)अनिल सिंह कोरोना(Corona)को लेकर जारी लॉकडाउन(Lockdown)के बीच कोटा में पढ़ रही अपनी बेटी को वहां से बिहार ले आए हैं। जबकिए उसी कोटा में पढ़ रहे बच्चों को वापस लाने के उत्तर प्रदेश (UP) सरकार के फैसले को गलत बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस मामले पर राजनीति (Politics) गरमा गई है।
विपक्ष (Opposition) ने सरकार पर दोहरी नीति का आरोप लगाया है। दूसरी ओर विधायक ने कहा है उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर किया हमला
तेजस्वी यादव ने कहा कि पास देकर प्रभावशाली लोगों के बच्चों को चुपचाप वापस बुलाया गयाए लेकिन जब साधारण छात्रों और आम लोगों के बच्चों को बुलाने की बात आई तो मुख्यमंत्री मर्यादा और नियमों का हवाला देने लगे। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक की बेटी को गोपनीय तरीके से वापस लाने की अनुमति दी गई। बिहार में ऐसे अनेक वीआइपी और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए।
पीके ने भी किया नीतीश पर तंज
इस मामले पर कभी नीतीश कुमार के करीबी व उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड(JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है कि कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहकर अस्वीकार किया था कि ऐसा करने से लॉकडाउन की मर्यादा का उल्लंघन होगा। उन्हीं की सरकार ने एक बीजेपी विधायक को कोटा से अपनी बेटी को लाने के लिए विशेष अनुमति दी। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से सवाल किया है कि अब आपकी मर्यादा क्या कहती है।