समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है। अखिलेश ने सख्त लहजे में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सूबे के मुखिया खुलेआम कह रहे हैं कि बदला लो और सदन में कहते हैं कि ठोको। साथ ही आरोप लगाया है कि खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की बदहाली जैसी मूलभूत समस्यायों से ध्यान भटकाने के लिए लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की आड़ में यूपी की BJP सरकार जानबूझ कर राज्य में माहौल खराब कर रही है। इसका परिणाम यह है कि निर्दोष लोगों की जान गई। लोग शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे,लेकिन कई निर्देशों की जान चली गई।
अखिलेश यादव ने रविवार को प्रेस वार्ता करके CAA के विरोध को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यूपी में हुई हिंसा के लिए BJP सरकार जिम्मेदार है। मौजूदा सरकार NRC की बार-बार धमकी देती है। आगे कहा कि नॉर्थ ईस्ट, असम में दूसरा मामला है। अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर सबको बराबरी का हक मिलता था। लोगों को उनके अधिकारों से वचिंत किया जा रहा है। इस वजह से यूपी-बिहार के लोग सड़क पर आये हैं, ताकि संविधान में दिए अधिकार बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि NRC जैसे काले कानून का सपा ने विरोध किया है। अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी इस कानून में पक्ष में नहीं हो सकती है।
इसी कड़ी में अखिलेश ने कहा कि 2 साल पहले केन्द्र सरकार ने काला धन वापस लाने के बहाने नोटबंदी करके गरीब जनता को लाइन में खड़ा कर दिया था और अब CAA और NRC के जरिए जनता को एक बार फिर नागरिकता के अधिकार के लिए लाइन में खड़े होने की तैयारी है।इसी कड़ी में अखिलेश ने तंज कसा कि यूपी सरकार मुख्यमंत्री सचिवालय ‘लोकभवन’ में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने के बजाय यदि आगरा में उनके पैतृक गांव बटेश्वर के विकास की सोचती,तो ज्यादा अच्छा होता। साथ ही कहा कि नए साल में सत्तारूढ़ दल के विधायक राज्य की जनता को सरप्राइज दे सकते हैं। अखिलेश ने कहा कि जनता को डरा कर राजनीतिक हित साधने वाली BJP के विधायक भी सरकार के रवैये से परेशान है। विधानसभा में BJP सदस्यों के तेवरों ने यह साबित कर दिया है।
अखिलेश ने कहा कि सपा के शासनकाल में निर्मित लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा को कोई औचित्य नहीं है। अच्छा होता कि भारत रत्न के पैतृक गांव बटेश्वर में सरकार आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरह कोई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की स्थापना कराती और उस क्षेत्र के विकास की कोई रूपरेखा तैयार करती।