तो क्या बिहार में खत्म हो जाएगी शराबबंदी? सियासत में छिड़ी आर-पार की जंग

बिहार में शराब पर घमासान तेज हो गया है. जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत के बाद से अब सियासत में उबाल आ रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा कि ‘जो पिएगा वो मरेगा.’ तो वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी ने शराबबंदी खत्म करने की मांग उठाई है.

बिहार में शराब पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने की मांग
केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पारस नीत राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार में शराब पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को समाप्त करने की मांग करते हुए दावा किया कि यह नीति नाकाम रही है और जहरीली शराब की आपूर्ति के चलते बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है.

पारस की पार्टी बिहार और केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी है. पार्टी ने आरोप लगाया कि बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और केन्द्रीय मंत्री के नेतृत्व में पार्टी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों और ‘बिगड़ती’ कानूनी-व्यवस्था को लेकर राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेगा.

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य के चार सांसदों समेत पार्टी के सदस्य सारण में हुई त्रासदी को लेकर 17 दिसंबर को पटना में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ‘शर्मनाक’ बयान देने का आरोप
उन्होंने कहा, ‘प्रतिबंध खत्म किया जाना चाहिए.’ गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ‘शर्मनाक’ बयान देने का आरोप लगाया कि ‘जो पिएगा वो मरेगा.’

पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रासदी में अपने सदस्यों को खोने वालों के पास जाने के बजाय इस तरह के ‘असंवेदनशील’ बयान दे रहे हैं. सारण के जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार, जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है.

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