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लालू यादव कभी भी तेजस्वी को सौंप सकते हैं RJD की कमान, जगदानंद निभा रहे मध्यस्थ की भूमिका

राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बुलावे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अचानक दिल्ली चले गए। आरजेडी की ओर से महंगाई के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जा रहा था। तेजस्वी ने भी शिरकत की थी। किंतु सुबह में लालू के बुलावे पर कार्यक्रम को डेढ़ घंटा पहले ही खत्म कर दिया और बीच में ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। तेजस्वी की इस यात्रा को राजद पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन से जोड़कर देखा जा रहा है।

विदित हो कि आरजेडी में सियासी विरासत के हस्तांतरण का दूसरा दौर निर्णायक मोड़ पर है। लालू परिवार (Lalu Family) के सूत्रों का दावा है कि तेजस्वी के हाथ में पार्टी की कमान कभी भी सौंपी जा सकती है। तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे पूरी होगी। पहले उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात है। उसके बाद पार्टी की पूरी कमान भी सौंप दी जाएगी।

तेजस्वी को छह वर्ष पहले विधायक दल का नेता बनाकर लालू ने साफ कर दिया था कि भविष्य में आरजेडी की कमान भी उन्हीं के हाथ में होगी। लालू की खराब सेहत और ढलती उम्र की वजह से अब वह वक्त भी आ गया है। तेजस्वी के बेहतर प्रदर्शन से लालू गदगद हैैं और अब वे खुद को संरक्षक की भूमिका में रखना चाहते हैैं।

हालांकि, जगदानंद ने लालू की मुलाकात के पीछे ऐसे किसी मकसद से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वह वे आरजेडी प्रमुख का हालचाल लेने दिल्ली में हैं। तेजस्वी के अचानक दिल्ली बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिता बीमार हैं और विरोधी सरकार ने कई मुकदमे कर रखे हैं। ऐसे में उनका दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के साथ किसी तरह के विवाद से भी इनकार किया है।

बताया जाता है कि तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए जगदानंद सिंह खुद पहल कर रहे हैं। उन्होंने लालू को भी प्रस्ताव दे रखा है। माना जा रहा कि उनकी दिल्ली यात्रा इसी सिलसिले में हुई है। उन्हें लालू का भरोसेमंद नेता माना जाता है। तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष बनवाने में भी जगदानंद सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई थी। तेजस्वी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में आरजेडी के बेहतर प्रदर्शन में भी जगदानंद का सहयोग रहा है। तेजस्वी की पहल पर ही चुनाव के पहले उन्हें आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। इसका परिणाम भी पार्टी के पक्ष में आया। लालू की गैरमौजूदगी में भी पार्टी प्रदेश में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। उसे 75 सीटें मिलीं।

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