बिहार का रण: नीतीश सरकार का चुनावी तोहफा- कांट्रैक्‍ट शिक्षकों का वेतन 20% बढ़ाया

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्‍यमंत्री Nitish kumar ने कांट्रैक्‍ट शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला किया है। राज्य के पंचायतीराज और नगर निकाय संस्थानों के शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसद की वृद्धि की गई है। साढ़े 3 लाख शिक्षकों को पहली अप्रैल 2021 से यह लाभ मिलने लगेगा। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा के लिए कर्मचारी भविष्य निधि का भी लाभ भी दिया जाएगा। इस प्रकार कार्यरत शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष के वेतन में EPF स्कीम के साथ 20 फीसद से अधिक की वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री Nitish kumar ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान से ऐलान किया था कि पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों की सेवा शर्त को बेहतर बनाने के लिए शीघ्र नई नियमावली लागू की जाएगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री Nitish kumar की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जिला परिषद, बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा, और बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थनांतरण, कार्रवाई एवं सेवा शर्ता) नियमावली 2020 नियमावली मंजूर कर दी गई। मंगलवार की बैठक में 28 प्रस्ताव मंजूर किए गए।


राज्‍य के साढ़े 3 लाख शिक्षकों को मिलेगा लाभ

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद शिक्षा के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने बताया कि सरकार के इस फैसले से राज्य के साढ़े तीन लाख शिक्षक लाभांवित होंगे। वेतन वृद्धि और EPF स्कीम लागू करने से सरकार पर प्रतिवर्ष करीब 2765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। इसमें सिर्फ वेतन वृद्धि पर 1950 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इसके पहले भी बढ़ाया गया है वेतन
यह पहला मौका नहीं है। इसके पूर्व 2015 में वेतन में 20 फीसद, 2017 में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा पर 17 फीसद और अब करीब 20 फीसद की वृद्धि हुई है। इस प्रकार 2015 से अब तक शिक्षकों के वेतन में करीब 57 फीसद की वृद्धि की गई है।

नई नियमावली में किए गए प्रावधानों के मुताबिक दिव्यांग शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष और महिला शिक्षक को अंतर नियोजन (अंतर जिला सहित) तबादले का एक अवसर मिलेगा। साथ ही पुरूष शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों को भी पारस्परिक अंतर नियोजन सहित तबादले का एक अवसर दिया जाएगा।


50 फीसद पदों पर सीधी भर्ती

उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 50 प्रतिशत सीट पर सीधी भर्ती होगी। जबकि, शेष 50 प्रतिशत पदों को माध्यमिक शिक्षकों की प्रोन्नति से भरा जाएगा। प्रधानाध्यापक का पद सृजित करते हुए माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्रोन्नति दी जाएगी। प्रारंभिक शिक्षकों के संदर्भ में बेसिक ग्रेड से स्नातक ग्रेड में 50 फीसद पदों पर प्रोन्नति और वेतनमान दोनों के प्रावधान होंगे। प्रधानाध्यापक का वेतनमान निर्धारित नहीं है। इसका फैसला अलग से होगा।


तय छुट्टियों में भी की गई बढ़ोत्तरी

नियोजित शिक्षकों के लिए पहले से तय छुट्टियों में बढ़ोतरी हुई है। मातृत्व अवकाश के लिए पहले महिला शिक्षक को 135 दिनों की छुट्टी मिलती थी। इसे अब दो संतानों के लिए 180 दिन किया गया है। पहले पितृत्व अवकाश नहीं था। अब नियोजित शिक्षकों को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश दिया जाएगा। इससे पहले सात सालों की सेवा के बाद ही अवैतनिक अध्ययन अवकाश स्वीकृत होता था पर अब तीन वर्ष की न्यूनतम सेवा के बाद ही शिक्षक इसका लाभ ले पाएंगे।


वेतन विलंब की समस्या भी दूर होगी

शिक्षकों के वेतन में विलंब की समस्या पूर्व में रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए भी सरकार उपाय कर रही है। उत्क्रमित उच्च विद्यालय और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के तहत नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन देने के लिए बजट में प्रावधान होंगे। साथ ही यदि स्टेट बैंक जिसके माध्यम से 20 जिलों में शिक्षकों के वेतन का भुगतान होता है वह अनुमति देगा तो सभी जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।


अनुकंपा पर नौकरी का भी प्रावधान

शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों की सेवा काल में मृत्यु पर अनुकंपा के आधार पर शिक्षक पद पर नियोजन के प्रावधान हैं। नियोजन के लिए बीएड और डीएलएड के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है। ज्यादातर आश्रित उक्त पात्रता नहीं रखते इस वजह से उन्हें अनुकंपा पर नौकरी देने में कठिनाई है। अब सरकार ने फैसला किया है कि अनुकंपा के आधार पर पात्रता नहीं रहने पर माध्यमिक स्कूलों में विद्यालय सहायक और परिचारी के पद सृजन और इन पर आश्रितों का नियोजन होगा।


अतिथि शिक्षकों को 05 अंकों का वेटेज

प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। जिनकी संख्या करीब चार हजार है। सरकार ने फैसला किया है कि कम से कम एक वर्ष तक काम करने वाले अभ्यर्थी को मेधा अंक में 05 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

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