बिहार चुनाव से पहले उठी अहीर रेजिमेंट की मांग, लालू यादव की बेटी उतरीं समर्थन में

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी व SP संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पौत्र, पूर्व सांसद अक्षय प्रताप सिंह की पत्नी राज लक्ष्मी से लेकर फिल्म अभिनेता राजपाल यादव तक ने रविवार को अहीर रेजिमेंट के समर्थन में आवाज बुलंद करते नजर आए। इसके बाद देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ‘अहीर रेजिमेंट हक है हमारा’ नारा ट्रेंड करने लगा।

लालू यादव की बेटी और SP के पूर्व सांसद अक्षय प्रताप की पत्नी राज लक्ष्मी ने ट्वीट कर लिखा, ‘अहीर रेजिमेंट की बात जातिवाद है ही नहीं। अहीर रेजिमेंट के अलावा भी कई जातीय रेजिमेंट हैं। ऐसे में अहीर रेजिमेंट जातिवाद कैसे? सरकार को चाहिए कि वो या तो अहीर रेजिमेंट दे या फिर सारे जातीय रेजिमेंट भंग करे।’

फिल्म अभिनेता राजपाल यादव का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। जिसमें वह अहीर रेजिमेंट की वकालत करते नजर आ रहे हैं। राजपाल यादव वीडियो में कह रहे हैं कि114 लोगों ने अपने देश के लिए दूसरों से लोहा लिया, अपनी जान गंवाई, उनके सम्मान के लिए रेजिमेंट बनाई जानी चाहिए। और यदि ऐसा लगता है कि अहीर रेजिमेंट में प्रॉब्लम है, तो जितनी भी रेजिमेंट हैं उन सभी को खत्म करो और खाली भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना ही रहने दो।

यादव समाज के लोगों की मांग है कि देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले वीर अहीर सैनिकों के सम्मान में अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाना चाहिए। अहीर रेजिमेंट की मांग इससे पहले ऑल इंडिया यादव महासभा ने उठाई थी। रविवार को अचानक से अहीर रेजिमेंट ट्रेंड होने लगा, जिसमें यादव समुदाय के तमाम लोग समर्थन में आवाज उठाने लगे।

दरअसल अहीर रेजिमेंट की मांग काफी लंबे समय से हो रही है, लेकिन अक्टूबर 2016 में यादव जाति के सैकड़ों लोगों ने गुरुग्राम के खेड़की दौला गांव में भूख हड़ताल की थी। हालांकि मध्य प्रदेश से बीजेपी सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने जब उनकी मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, तब इन्होंने अपनी हड़ताल खत्म किया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में सपा के घोषणापत्र में अखिलेश यादव ने अहीर रेजिमेंट बनाने की बात कही थी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को हवा दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वे अहीर रेजिमेंट का गठन करेंगे। अखिलेश के वादे को सपा के कोर यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश के तहत देखा गया है, जो लंबे समय से सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग कर रहा हैं। ऐसे ही अब बिहार विधानसभा चुनाव से ऐन पहले अहीर रेजिमेंट की मांग को लालू यादव की बेटी ने उठाकर सियासत को गर्मा दिया है।

दरअसल यादव समाज का कहना है कि 1962 के युद्ध में कुल 114 सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें से 112 यादव थे। इन सैनिकों ने चीन के सैंकड़ों सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इसलिए सम्मान स्वरूप अहीर रेजिमेंट बनाई जानी चाहिए।

अहीर रेजिमेंट की मांग भले ही फिर से जोर पकड़ रही हो, लेकिन मोदी सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जातियों के नाम पर अब कोई नई रेजिमेंट नहीं बनाई जाएगी। संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक के बताया था कि सरकार की नीति किसी विशेष वर्ग, समुदाय, धर्म या क्षेत्र के लिए कोई नई रेजिमेंट गठित करने के नहीं रही है।

सेना में जातिवार रेजिमेंट्स का गठन 1857 की क्रांति के बाद हुआ था। सेना में रेजिमेंट की बात करें तो मौजूदा समय में सेना में 23 रेजिमेंट हैं जिनमें से कुछ जातियों और इलाकों के नाम पर हैं। इनमें राजपूत रेजिमेंट, जाट रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट, असम रेजिमेंट, गोरखा रेजिमेंट और डोगरा रेजिमेंट शामिल हैं। हालांकि आजादी के बाद सरकार ने जाति आधारित रेजिमेंट्स को ना जोड़ने का फैसला किया था। 1947 के बाद से अब तक इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1