छत्तीसगढ़ः पाटन-सक्ती ही नहीं इन 10 सीटों पर भी हो रहा कड़ा मुकाबला, कई दिग्गजों की साख दांव पर

छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में पाटन विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें भतीजे और सांसद विजय बघेल के साथ- साथ अमित जोगी से कड़ी टक्कर मिल रही है. इसके अलावा अंबिकापुर और सक्ती विधानसभा सीटें शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए कल शुक्रवार (17 नवंबर) को वोटिंग कराई जानी है. पहले चरण में 20 सीटों के लिए कराई गई वोटिंग में 74 फीसदी लोगों ने वोट डाले. अब शेष 70 सीटों पर चुनाव कराए जाने हैं, इनमें से कई सीटें हाई प्रोफाइल हैं. प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में पाटन विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें भतीजे और सांसद विजय बघेल के साथ-साथ अमित जोगी से कड़ी टक्कर मिल रही है. इसके अलावा अंबिकापुर और सक्ती विधानसभा सीटें शामिल हैं.

चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के साथ एक अन्य पार्टी है जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस, जो यहां पर कड़ी चुनौती देने को तैयार दिख रही है. साल 2016 में कांग्रेस से अलग होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस (जेसीसीजे) नाम से नई पार्टी बनाई थी. इसके बाद 2018 के चुनाव में बीएसपी और सीपीआई के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा जिसमें उसे 5 सीटों पर जीत मिली और चुनाव में 7.65% वोट हासिल किए. आइए, एक नजर डालते हैं प्रदेश की 10 हाई प्रोफाइल सीटों पर जहां पर चुनाव में बाजी किसके हाथ लगेगी और किसके सीट पर ताज सजेगा.

पाटनः CM बघेल को उनके घर में कड़ी चुनौती

पाटन विधानसभा सीट प्रदेश की बेहद हाई प्रोफाइल सीट है क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें त्रिकोणीय चुनौती मिल रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बघेल के सामने मुख्यमंत्री के भतीजे और सांसद विजय बघेल को उतारा है. विजय बघेल दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद हैं. विजय के अलावा इसी सीट से पूर्व सीएम अजित जोगी के बेटे अमित भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2018 के चुनाव में पाटन सीट से भूपेश बघेल ने 27,477बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.

अंबिकापुर सीट नंबर- टू टीएस बाबा को मिलेगी चुनौती ?

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश की सियासत में नंबर टू की हैसियत रखने वाले टीएस सिंह देव एक बार फिर अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. वह इस सीट से लगातार 3 बार चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस ने इस बार भी टीएस सिंह देव को फिर से मौका दिया है, जबकि बीजेपी ने राजेश अग्रवाल पर भरोसा जताया है. अब देखना होगा कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रवाल क्या टीएस सिंह देव को चुनौती दे पाएंगे. वह पहले कांग्रेस में थे. 2018 में बीजेपी में आ गए थे.

भरतपुर- सोनहत सीटः क्या BJP का दांव काम करेगा

भरतपुर-सोनहत सीट सीट पर सभी की नजर लगी हुई है. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की भरतपुर – सोनहत सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने रेणुका सिंह की चुनौती के जवाब में वर्तमान विधायक गुलाब सिंह कामरो को टिकट दिया है. ऐसे में यहां पर मुकाबला जोरदार रहने की उम्मीद है. यह क्षेत्र गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी के दबदबे वाला माना जाता है. ऐसे में यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है.

पत्थलगांव सीटः विधायक के सामने BJP ने उतारा सांसद

जशपुर जिले में पड़ने वाला पत्थलगांव विधानसभा सीट प्रदेश के हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जा रही है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पत्थलगांव सीट पर बीजेपी ने लोकसभा सांसद गोमती साय को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने रामपुकार सिंह को फिर से मौका दिया है. 2018 के चुनाव में पत्थलगांव सीट पर कांग्रेस के रामपुकार सिंह ने जीत हासिल की थी, तब उन्होंने बीजेपी के शिवशंकर पैनकारा को 36 हजार वोटों से अधिक के अंतर से हराया था.

रामपुर सीटः ननकीराम Vs फूलचंद रठिया

कोरबा जिले में रामपुर विधानसभा सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है. पिछली बार 2018 के चुनाव में मुकाबला यहां पर त्रिकोणीय रहा था. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर को टिकट दिया है, कांग्रेस की ओर से फूलचंद रठिया चुनौती पेश कर रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 चुनाव में बीजेपी को 2 बार तो कांग्रेस एक बार जीत मिली है.

लोरमी सीट: BJP ने प्रदेश अध्यक्ष को मैदान में उतारा

मुंगेली जिले की लोरमी विधानसभा सीट पर भी कड़ा चुनाव देखने को मिल रहा है. बीजेपी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव को मैदान में उतारा है. जवाब में कांग्रेस ने थानेश्वर साहू को टिकट दिया है. साहू राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. लोरमी सीट पर 2018 के चुनाव में अमित जोगी की पार्टी जेसीसीजे के धर्मजीत सिंह को जीत मिली थी.

सक्ती सीटः चरण दास महंत पर टिकी नजर

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चंपा जिले में पड़ने वाली सीट है सक्ती सीट. सक्ती सीट से कांग्रेस ने विधानसभा के स्पीकर चरण दास महंत को मैदान में उतारा है. जिनके सामने बीजेपी की ओर से खिलावन साहू को टिकट दिया है. खिलावन साहू एमबीबीएस डिग्री धारक हैं और पेशे से एक डॉक्टर हैं. वह 2013 में पहली बार विधायक बने. 2018 के चुनाव में चरण दास महंत को जीत मिली थी. चरण दास प्रदेश के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. वह केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं.

दुर्ग ग्रामीण सीटः ताम्रध्वज साहू क्या मार पाएंगे बाजी?

दुर्ग जिले की दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट बेहद चर्चित सीटों में से एक है. इस सीट पर पिछले 3 चुनाव में 3 अलग-अलग उम्मीदवार को जीत मिली है. प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू यहां से उम्मीदवार हैं, जिसके जवाब में बीजेपी ने ललित चंद्राकर को टिकट दिया है. 2018 के चुनाव में ताम्रध्वज साहू को जीत मिली थी. 2013 में bjp यहां से विजयी रही थी.

रायपुर सिटी साउथः बृज मोहन के गढ़ में लगेगी सेंध ?

राजधानी रायपुर की रायपुर सिटी साउथ सीट पर भी सभी की नजरें लगी हुई हैं. यह सीट बीजेपी के बृज मोहन अग्रवाल की वजह से जानी जाती है. बृज मोहन अग्रवाल 2008 से यहां से लगातार 4 बार चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस ने उनके सामने महंत राम सुंदर दास के यहां से टिकट दिया है.

बिलासपुर सीटः क्या बीजेपी को यहां पर मिलेगी जीत

बिलासपुर जिले की अहम सीटों में से एक सीट है बिलासपुर सीट. बीजेपी ने यहां से अमर अग्रवाल को मैदान में उतारा है. वह 15 साल तक राज्य में मंत्री बने रहे. वह फिर से मैदान में हैं और उनके सामने कांग्रेस ने शैलेष पांडे को उतारा है. शैलेष पांडे को 2018 में जीत मिली थी तो अमर अग्रवाल को 2013 में जीत मिली थी.

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