चीन से निकलने की इच्छुक दूसरे देशों की खासकर जापान और अमेरिका की कंपनियों को हर हाल में भारत में लाने की कोशिश में सरकार जुट गई है। इस काम में आगे आने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को तैयार कर रही है। मुख्यमंत्रियों से चर्चा के दौरान PM नरेंद्र मोदी ने कहा था कि Corona Crisis में भारत मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का विकल्प बन सकता है।
अगर राज्य अपने यहां पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर का इंतजाम कर लें तो चीन में काम कर रही विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए लाया जा सकता है। भारत में पहले से ही पर्याप्त श्रमिक हैं। ये विदेशी कंपनियां चीन और अमेरिका के बीच चलने वाले ट्रेड वार और अब चीन में Corona फैलने के कारण उपजी अनिश्चितता की वजह से चीन से बाहर निकलना चाहती हैं।
मंगलवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व IT मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी राज्यों के आइटी मंत्रियों से कहा कि अभी जो चीन के हालात हैं, उसका फायदा भारत को मिलने जा रहा है। ऐसे में, राज्यों को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए पहले ही इंसेंटिव की घोषणा कर चुकी है।
उन्होंने राज्यों के मंत्रियों से कहा कि अभी भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के अवसर को भुनाने की जरूरत है क्योंकि COVID-19 के बाद कई कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाहती हैं। चीन में काम कर रही विदेशी कंपनियों को अपने यहां लाने के लिए UP और गुजरात सरकार पहले से ही तैयारी में जुटी हुई है।
UP सरकार इन कंपनियों को लाने के लिए अपनी औद्योगिक नीति में बदलाव कर रही है। गुजरात सरकार ने तो इन कंपनियों को अपने यहां आने के लिए बकायदा पत्र तक लिख दिया गया है। कुछ दिन पहले MSME मंत्री नितिन गडकरी ने औद्योगिक संगठन के साथ एक बैठक में कहा था कि कोरोना मामले के थोड़ा शांत पड़ने पर सरकार चीन में काम कर रही जापानी कंपनियों को भारत लाने के लिए स्कीम ला सकती है।
IT मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि IT और BPO कंपनियों के कर्मचारी आगामी 31 जुलाई तक घर से काम कर सकेंगे। IT कंपनियों की मांग पर पहले उन्हें घर से काम करने की अवधि में एक माह की छूट दी गई थी जिसकी अवधि बढ़ाकर अब 31 जुलाई तक कर दी गई है।