राजधानी में आज अपनी दो सूत्रीय मागों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (सावित्री) गुट के और क्षेत्रीय लोगों को साथ मिलाकर डीएम कार्यालय का घेराव किया व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि उनकी दो मागें हैं पहली मांग गोमती नदी के पीपे वाले पुल के मेहंदी घाट के निकट हुसैनाबाद हेरिटेज जॉन से लगभग 1 किलोमीटर दूरी के पक्के पुल के निर्माण कराने की मांग, साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाये गए बिजली के दामों को तुरंत कम किया जाये। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे और अपनी दो सूत्रीय मागों का ज्ञापन एसडीएम को सौंप प्रदर्शन खत्म किया।
प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसी भारतवर्ष के 28 राज्यों में से उत्तर प्रदेश के प्रमुख राज्य हैं। इस राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो किसानों के प्रति बेहद संवेदनशील एवं अच्छी सोच रखते हैं एवं गांव के किसान विकास के लिए कार्य के प्रति जागरूकता रखते हैं। जिसके चलते गांव के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। जिसमें पुल निर्माण व प्रदेश में बढ़ाये गए बिजली के दामों को तुरंत वापस लिया जाये। साथ ही बताया कि गोमती नदी तट पर स्थित पीते वाला पुल लगभग दो दशक से बना हुआ है। वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि के कारण लगभग 25000 से 30000 लोगों का आवागमन होता रहता है।
हर साल बारिश के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण इन लोगों को लगभग 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर लगा कर आना जाना पड़ता है। बरसात के मौसम में टूटे पुल पर जाने के कारण अल्लू नगर, डिगुरीया, मामा कॉलोनी, दाउदनगर, गाजीपुर बलराम, गगऊघाट, गुरुदेव गंज पजावां गांव प्रभावित होते हैं। जिनका आवागमन प्रभावित होने के कारण लोगों एवं गांव के किसानों को नित्य के जीवन शैली दिनचर्या में किसानी कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है। इसलिए 10 से 15 वर्षों से राजनीति लोकगीत समस्या को मुद्दा बनाकर वोट की राजनीति करते रहे, लेकिन समस्या का निदान किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर पुल का निर्माण शीघ्र नहीं कराया गया तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।