केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह ने बुधवार को एसोचैम की ओर से आयोजित ‘पांचवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन- रोडटेक, सस्टेनेबल रोड्स एंड हाईवेज’ को संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा कि देश में आधारभूत सड़क संरचना के समग्र विकास को केन्द्र सरकार प्राथमिकता दे रही है और बेहतर सड़कों तथा राजमार्गों का विकास राष्ट्र की उन्नति में अहम योगदान देगा।
उन्होंने कहा कि देश में सड़कों के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए पिछले पांच वर्षों में काफी काम किया गया है। इसके साथ ही अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। वीके सिंह ने कहा कि अच्छी सड़कों से देश के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने कहा कि हमें इस क्षेत्र में काम करने के साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा क्योंकि जंगलो और कृषि योग्य भूमि के बीच से निकलने वाले राजमार्ग कई बार वहां के स्थानीय निवासियों खासकर किसानों के लिए परेशानी की वजह बन जाते हैं। हमें भूमि अधिगृहण और स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं की ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें विकास कार्य करते हुए पर्यावरण का भी ध्यान रखने की जरूरत है।
राजमार्गों के जंगलों के बीच से निकलने की दशा में पेड़ों की कटाई का मसला भी एक चुनौती बन कर उभर रहा है और इस बात पर भी ध्यान दिया जाना है कि ये सड़कें तथा राजमार्ग पर्यावरण अनुकूल भी हों।
उन्होंने बताया कि इस सेक्टर में 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर अभी विचार किया जा रहा है। इनके क्रियान्वयन की दिशा में नियमों और कानूनों संबधी अड़चनें, निवेश की मात्रा, तकनीकी और इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थ को लेकर अनेक चुनौतियां हैं जिन पर मिलकर मंत्रालय और संबद्ध पक्षों को काम करना है। हमें ध्यान रखना होगा कि सड़कों का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो।
राज्य मंत्री ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए सड़कों और राजमार्गों की भूमिका अहम होती है और 1930 में विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का अमेरिका ने सिर्फ इस आधार पर सामना किया था कि उसके पास बेहतर सड़कों का जाल था और इससे देश के विभिन्न हिस्सों में सामान की आवाजाही बहुत आसान थी। हम भी पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए ऐसा कर सकते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि देश में आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वित्त पोषण का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकारों से भी बातचीत की जा रही है। लेकिन हमें बेहतर तकनीक और निर्माण सामग्री पर भी विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग सड़कों तथा राजमार्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए नई तकनीकों को अपनाने के लिए तत्पर है।
वहीं, सड़को पर होने वाली दुर्घटनाओं पर उन्होंने कहा कि नियमों को लागू कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है। साथ ही लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है।
एसोचैम के अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका ने राज्य मंत्री का ध्यान इस क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की ओर दिलाते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण, अधिग्रहीत की गई भूमि की आसमान छूती कीमतों और इसी दर पर उसका भुगतान संबंधित कंपनियों के लिए बोझ साबित होता जा रहा है। इसके अलावा सड़क और राजमार्ग निर्माण में काफी मजदूर कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि इनसे संबंधित श्रम कानून भी कई बार अड़चन साबित हो रहे हैं जिन पर मंत्रालय को ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने परियोजनाओं के लिए धन की कमी के मसले को उठाते हुए कहा कि बैंकों के कड़े नियमों के कारण कंपनियों को ऋण लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।