Happy Birthday Mother Teresa

प्रेम और शांति की दूत थीं मदर टेरेसा, जाने, उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें

Happy Birthday Mother Teresa: आज मदर टेरेसा का जन्मदिन है। इनका जन्म 26 अगस्त 1910 में हुआ था। इन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाजा गया था। इन्होंने सन् 1949 में अपनी इच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। इनकी वेशभूषा की बात करें तो ये नीले रंग के पाड़ की साड़ी पहनती थीं। इनके गले में हमेशा ही एक क्रॉस चिन्ह लटका रहता था। Mother Teresa असाधारण व्यक्तित्व की धनी थीं। इन्हें ममता और मानवता की मूर्ति भी कहा जाता है।

भारत में मदर टेरेसा
Mother Teresa 19 वर्ष की आयु में 1929 में भारत आईं और समाजसेवा की शुरुआत की। उन्हें भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों की नागरिकता मिली हुई थी। जिसमें ऑटोमन, सर्बिया, बुल्गेरिया और युगोस्लाविया शामिल हैं। Mother Teresa ने कहा था। कि एक बार वे दार्जलिंग की यात्रा पर जा रही थीं। तो उन्हें अंतरात्मा से आवाज़ आई। कि उन्हें सब कुछ छोड़ कर असहाय लोगों की सहायता के लिए लग जाना चहिए। वर्ष 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों की सेवा का संकल्प लिया था। निस्वार्थ सेवा के लिए मदर टेरेसा ने वर्ष 1950 में कोलकाता में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की थी। उनके द्वारा लिखित दस्तावेजों में वर्णित है।

उन्होंने 1981 में उन्होंने अपना नाम बदलकर टेरेसा रख लिया था। ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ में अति दरिद्र लोगों की सेवा की जाती थी। वर्ष 1952 में उन्होंने ‘निर्मल हृदय’ नाम से एक आश्रम की शुरुआत की यहां आने वाले लोगों को न केवल निःशुल्क मेडिकल सेवा दी जाती थी। बल्कि उन्हें मर्यादापूर्वक मृत्यु स्थान भी मिलता था। आगे चलकर उन्होंने कुष्ठ रोगियों के लिए ‘शांति नगर’ नाम से एक अस्पताल भी आरंभ किया इसके अतिरिक्त उन्होंने निर्मल शिशु भवन की शुरुआत की जहां बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा दी जाती थी।

मदर टेरेसा के जीवन की 10 अनमोल वचन:

  1. अपना प्रेम संदेश बार-बार सुना जाएं तो उसे बार-बार कहें। ठीक उसी तरह जिस तरह दिए को जलाए रखने के लिए बार-बार तेल डालना जरूर होता है।
    2.हम यह काम करते हैं यह चमत्कार नहीं है बल्कि यह है कि हमें ऐसा करने में हमें खुशी मिलती है।
  2. अगर आपमें सौ लोगों को खिलाने का सामर्थ्य नहीं है तो किसी एक को खिलाएं।
  3. मुस्कुराहट से ही शांति की शुरुआत होती है।
  4. आप जहां भी जाएं वहां प्यार फैलाएं। जो आपके पास आए वह खुश होकर ही लौटे।
  5. अवांछित होना सबसे बड़ी बिमारी है, कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं।
  6. रोगी की भूख को मिटाने से कहीं ज्यादा जरूरी प्यार की भूख को मिटाना है।
  7. अगर हमारे मन में शांति नहीं है तो इसका मतलब यह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम सब एक-दूसरे के हैं।
  8. सबसे भयानक गरीबी अकेलापन है।
  9. अगर कोई व्यक्ति ऐसा है जिसका कोई ख्याल रखने वाला न हो या जिसे कोई चाहता न हो या जिसे हर कोई भूल चुका हो तो उसकी तुलना ऐसे व्यक्ति से की जा सकती है जिसके पास कुछ खाने को न हो या गरीबी से ग्रस्त हो।

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