जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाया था तो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहुत सारी याचिकाएं दाखिल की गई थी। मंगलवार 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शिर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को 28 दिनों का समय दिया है कि वो इन याचिकाओं पर अपना जवाब दे। धारा 370 को लेकर अगली सुनवाई अब 14 नवंबर को होगी।
दरअसल, सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिया है। यही नहीं, सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया है।
इस फैसले के बाद से ही कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। कई अलगाववादी नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद करके रखा गया है। कश्मीर और श्रीनगर में नेताओं के दौरे पर पाबंदी है। वहीं, मोबाइल सर्विस और इंटरनेट भी बंद है। इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शनिवार को एक संविधान पीठ गठित की थी। पीठ के सदस्यों में जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।